scriptबस संचालकों की हड़ताल का नतीजा, बीच रास्ते में परेशान हुए यात्री | Bus operators strike in Singrauli due to increase in diesel, passenger | Patrika News

बस संचालकों की हड़ताल का नतीजा, बीच रास्ते में परेशान हुए यात्री

locationसिंगरौलीPublished: Feb 26, 2021 09:42:21 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

मुसीबत में ऑटो बने सहारा ….

Bus operators strike in Singrauli due to increase in diesel, passenger upset

Bus operators strike in Singrauli due to increase in diesel, passenger upset

सिंगरौली. रिश्तेदारी में सोनभद्र गया था। सीधी जाना है। हड़ताल की जानकारी नहीं थी। सो घर के लिए निकल आया। शक्तिनगर के बाद यहां बैढऩ तक ऑटो से आ गया, लेकिन आगे के लिए कोई वाहन नहीं है। सीधी जाने के लिए परेशान राहुल सिंह ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे कि अब कैसे घर पहुंचेंगे।
फिलहाल उन्होंने मंजिल की ओर आगे बढऩे का निर्णय लिया और बरगवां तक जाने वाले ऑटो में बैठ गए। शुक्रवार को वाहन की समस्या से परेशान राहुल जैसे लोगों की संख्या सैकड़ों में रही। इनमें ज्यादा संख्या महाविद्यालयों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं की रही। राज्य स्तर पर घोषित हड़ताल के मद्देनजर जिले में सभी बसों के पहिए शुक्रवार को सुबह से ही थम गए।
हालांकि परिवहन मंत्री के आश्वासन पर कई जिलों में हड़ताल स्थगित रही। सीधी व सिंगरौली सहित आस-पास के जिलों के बस संचालक हड़ताल के निर्णय पर जमे रहे। नतीजा हड़ताल से अनजान यात्रियों की जमकर फजीहत हुई। हड़ताल की ऊहापोह यात्रियों की खासतौर पर छात्र-छात्राओं की मुसीबत का सबब बना।
हुआ यह कि कॉलेज आने वाले छात्र-छात्राओं को सुबह कॉलेज आते समय तो वाहन मिल गया, लेकिन छुट्टी के बाद दोपहर में लौटते वक्त कोई वाहन नहीं मिला। हड़ताल को लेकर ऊहापोह की स्थिति में सुबह कुछ बस चली, लेकिन दोपहर तक वह भी बंद हो गई।
इससे छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी हुई। कॉलेज तिहारे पर छात्रों की भारी भीड़ जमा रही। कई ने ऑटो का सहारा लिया तो कई ने घर वालों को बुलाया। गौरतलब है कि बैढऩ में शासकीय अग्रणी महाविद्यालय में काफी दूर-दूर के छात्र-छात्राएं बस जैसे वाहनों से यहां पढ़ाई करने आते हैं।
ऑटो चालकों ने वसूला मनमानी किराया
बस संचालकों की हड़ताल और बसों का परिवहन बंद रहने के चलते ऑटो चालकों ने सवारी की मजबूरी का जमकर फायदा उठाया। ऑटो चालकों ने सवारी से मनमानी किराया वसूला। यहां तक की मजबूर होकर कई लोगों को ऑटो बुक भी करना पड़ा। ग्रामीण क्षेत्र और लंबे रूट पर जाने के लिए ऑटो चालकों ने सवारी से खूब मोलतोल किया।
समस्या को देखते हुए चलने लगी कई बसें
हड़ताल के बीच शाम तक कई बसें सड़क पर आ गई। यात्रियों की समस्या को देखते हुए कई बसों उस रूट पर चलीं, जिस रूट के काफी यात्री फंसे हुए थे। कई यात्रियों को उनके संपर्क रूट तक छोड़ गया। बस संचालकों का कहना है कि उनकी हड़ताल यात्रियों की समस्या बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि सरकार का ध्यान खुद की समस्या के प्रति आकृष्ट कराना है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो