एनसीएल के अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2024 तक सिंगरौली से निकलने वाले करीब आधा दर्जन रेलवे रूट का दोहरीकरण हो जाएगा। कोल इंडिया कॉरिडोर के मद्देनजर रेलवे के दोहरीकरण का कार्य पूरा होने की स्थिति में रेल मार्ग से कोयला भेजना आसान होगा। रेलवे के दोहरीकरण को देखते एनसीएल ने भी तैयारी तेज की है।
इधर, रेलवे अधिकारियों का दावा है कि वर्ष 2023 से 2024 के बीच शक्तिनगर रेलवे स्टेशन से करेलारोड स्टेशन तक, सिंगरौली रेलवे स्टेशन से चोपन रेलवे स्टेशन तक, सिंगरौली से कटनी रेलवे स्टेशन तक, चोपन रेलवे स्टेशन से रेनुकूट तक और रेनुकूट से दुद्धि रेलवे स्टेशन तक रेलवे लाइन का दोहरीकरण कार्य पूरा हो जाएगा। रेलवे ने इसे सुपर क्रिटिकल प्रोजेेक्ट में रखा है। यही वजह है कि इस कार्य की रेलवे मंत्रालय स्तर से लगातार मॉनिटरिंग हो रही है।
एनसीएल ने सभी 9 परियोजनाओं में सीएचपी (कोल हैंडलिंग प्लांट) बनाने का काम शुरू कर दिया है। परियोजनाओं में बनाई जाने वाली सीएचपी से कोयला रेलवे रेक में लोड होगा और रेलवे लाइन के जरिया ग्राहकों को भेजा जाएगा। वर्तमान में एनसीएल की विभिन्न कोयला परियोजनाओं में नौ सीएचपी से कोयला रेलवे रैक में लोड किया जा रहा है।
एनसीएल कृष्णशिला, जयंत, ब्लॉक बी, ककरी व निगाही में एक-एक और दुद्धिचुआ व अमलोरी में दो-दो सीएचपी तैयार कर रहा है। सीएचपी तैयार होने पर यहां लोडिंग प्वाइंट (एफएमसी यानी फस्र्ट माइल कनेक्टिविटी) तैयार की जाएगी और रेक में कोयला लोड कर ग्राहकों को भेजा जाएगा।
130 मिलियन टन की व्यवस्था
कोयला कंपनी एनसीएल को कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से वर्ष 2023 तक 130 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। एनसीएल की ओर से तैयारी इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर किया जा रहा है कि वर्ष 2023 तक 130 मिलियन टन कोयला उत्पादन की स्थिति में पूरा कोयला रेलवे रेक के जरिए उपभोक्ताओं को भेजा जा सके। कहीं भी सड़क मार्ग से कोल परिवहन की जरूरत नहीं पड़े।
कोयला कंपनी एनसीएल को कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से वर्ष 2023 तक 130 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। एनसीएल की ओर से तैयारी इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर किया जा रहा है कि वर्ष 2023 तक 130 मिलियन टन कोयला उत्पादन की स्थिति में पूरा कोयला रेलवे रेक के जरिए उपभोक्ताओं को भेजा जा सके। कहीं भी सड़क मार्ग से कोल परिवहन की जरूरत नहीं पड़े।
वर्तमान में 74 मिलियन टन की है व्यवस्था
एनसीएल के पास वर्तमान में 74 मिलियन टन की क्षमता तक कुल 9 सीएचपी उपलब्ध हैं। इन सभी 9 सीएचपी से 74 मिलियन टन कोयला रेलवे रेक से भेजा जाता है। बाकी का कोयला विभिन्न परियोजनाओं से सड़क मार्ग से उपभोक्ताओं या फिर रेलवे साइडिंग तक भेजा जा रहा है। यह मात्रा करीब 25 से लेकर 30 मिलियन टन तक होती है।
एनसीएल के पास वर्तमान में 74 मिलियन टन की क्षमता तक कुल 9 सीएचपी उपलब्ध हैं। इन सभी 9 सीएचपी से 74 मिलियन टन कोयला रेलवे रेक से भेजा जाता है। बाकी का कोयला विभिन्न परियोजनाओं से सड़क मार्ग से उपभोक्ताओं या फिर रेलवे साइडिंग तक भेजा जा रहा है। यह मात्रा करीब 25 से लेकर 30 मिलियन टन तक होती है।