बात रामपुरबघेलान में स्टेडियम कांप्लेक्स स्थित एक गोदाम की है। तहसीलदार सविता यादव और उनकी टीम ने दबिश दी। जांच में सब कुछ घालमेल मिला। जिस गोदाम में यूरिया का भंडारण किया गया था,वह गोदाम डीलर और अर्जुन कृषि सेवा केंद्र के संचालक रामकुशल सिंह के लाइसेंस में दर्ज नहीं है। ऐसे में तहसीलदार के निर्देश पर गोदाम में रखी यूरिया दो पटवारियों धर्मेन्द्र सिंह और संतोष वर्मा की निगरानी में दुकान ले जाई गई और फिर वहीं से इसका वितरण किया गया।
पूछताछ में संचालक ने तहसीलदार को बताया कि 2 सितंबर की रात 560 बोरी यूरिया का आवंटन हुआ था। लेकिन दुकान में जगह नहीं होने के कारण यूरिया के 225 बैग गोदाम में रखवाए गए थे। संचालक ने माना कि वे इस आशय की सूचना संबंधित अधिकारियों और फर्टिलाइजर कंपनी को नहीं दे पाए। जांच के दौरान रामपुर बाघेलान के टीआई राजेन्द्र मिश्रा आरआई जेपी पांडेय और पटवारी अजय सिंह भी मौजूद रहे।
तहसीलदार सविता यादव ने स्पष्ट किया कि इस मामलें में प्रथम दृष्टया यूरिया की कालाबाजारी या जमाखोरी नहीं पाई गई है। मगर, एहतियात के तौर पर संबंधित डीलर को अब तक आवंटित यूरिया और उसकी ऑफ लाइन तथा आनलाइन बिक्री के दस्तावेजों की जांच शुरु की गई है। डीलर को रजिस्टर्ड गोदाम में ही स्टॉक रखने की चेतावनी दी गई है।
कोट
“यूरिया के अवैध भंडारण की शिकायत पर छापा मारा गया। प्रथम दृष्टया कालाबाजारी और जमाखोरी के आरोप पुष्ट नहीं हुए। दुकान की जगह अपंजीकृत गोदाम में यूरिया रखने पर संबंधित डीलर को चेतावनी देते हुए आवंटन और बिक्री के दस्तावेज जांच में लिए गए हैं।- सविता यादव, तहसीलदार रामपुर बाघेलान