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शहर सरकार के जिम्मे ढेरों हैं काम, ध्यान में रख कर चुनें नेता का नाम

locationसिंगरौलीPublished: Jun 27, 2022 11:58:58 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

लंबे समय बाद फिर अस्तित्व में आएगी निगम परिषद …..

municipal  panchayat elections women candidates is more

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सिंगरौली. स्मार्ट सिटी योजना के मद्देनजर 17 जुलाई के बाद बनने वाली शहर सरकार के जिम्मे कई महत्वपूर्ण काम हैं। ऐसे में मतदाताओं को प्रत्याशी चुनने में पूरी सतर्कता बरतनी होगी। अच्छे प्रत्याशी का मतदाताओं द्वारा किया गया चुनाव ही शहर के विकास का भविष्य तय करेगी। खासतौर पर आगामी पांच वर्षों में शहरी क्षेत्र में कई काम होने हैं।
महापौर व पार्षद पद के लिए चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों द्वारा वैसे तो ढेरों वादे किए जा रहे हैं, लेकिन वादों पर खरा कौन उतरेगा। मतदाताओं को इसका आकलन करने के बाद ही प्रत्याशियों का चयन करना होगा। ऐसे में मतदाताओं के लिए यह जानना भी जरूरी है कि आखिर शहरी क्षेत्र में कौन से विकास कार्य होने हैं। गौरतलब है कि शहर सरकार बनाने के लिए मतदान 6 जुलाई को और मतगणना 17 जुलाई को है। इसके बाद पूरे तीन वर्ष के अंतराल पर निगम में परिषद का गठन हो जाएगा। चुनावी मैदान में महापौर के 12 प्रत्याशी और पार्षद के 258 प्रत्याशी मैदान में हैं।
भ्रष्टाचार का दमन करने वाला चाहिए
– चुनाव में ऐसे प्रत्याशी का चयन करना होगा, जो न केवल भ्रष्टाचार से नगर निगम को मुक्त करा। बल्कि खुद भी दूरी बना कर रखे।
– स्मार्ट सिटी के कार्य में गुणवत्ता को नजरअंदाज किया जा रहा है। निर्माण मनमानी के विरूद्ध आवाज उठाने वाला चाहिए।
– शहरी क्षेत्र में मनमानी निर्माण हो रहा है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की योजना ताक पर है। योजना पर अमल कराने वाला चाहिए।
– आवास योजना में सांठगांठ को खत्म कर जरूरतमंद शहरियों को आवास दिलाने वाला व गनियारी में नए आवास तैयार कराने वाला चाहिए।
– नगर निगम की जमीनों पर अतिक्रमण करने वाले रसूखदारों पर कार्रवाई कराते हुए जमीन को मुक्त कराने वाला चाहिए।
– शहरी गरीबों का राशन हजम करने वाले कोटेदारों पर कार्रवाई कराते हुए राशन वितरण की व्यवस्था बनाने वाला चाहिए।
शहरी क्षेत्र में अधूरे कार्य
– शहर में सीवर लाइन निर्माण का कार्य पिछले तीन वर्षों से अधर में है।
– चार वर्ष बाद भी शहर में घर-घर पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाई है।
– परसौना से लेकर शक्तिनगर तक बायपास का सपना भी अभी अधूरा है।
– शहरी क्षेत्र में आफीसर्स कालोनी की योजना केवल उद्घाटन तक सीमित।
– निगम क्षेत्र की कंपनियों के विस्थापित अभी भी अधिकार से हैं वंचित।
– जिला अस्पताल के सामने सिविक सेंटर की कवायद भी अभी अधूरी है।
– शहर के तालाबों व पार्कों का सौंदर्यीकरण का कार्य भी अभी बाकी है।
बाट जोह रहे हैं ये विकास कार्य
– फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों के लिए स्थाई हॉकर्स जोन का निर्माण।
– शहरी क्षेत्र से ग्रामीण अंचल व दूसरे शहरों के लिए बसों का संचालन।
– मोरवा व अन्य क्षेत्रों में अंतरराज्यीय बस स्टैंड का संचालन किया जाना।
– ऐरा मवेशियों की समस्या से राहत व मॉडल गौशालाओं का संचालन।
– अवैध कालोनियों को वैध कराते हुए सडक़-नाली व पेयजल की व्यवस्था।
– सभी वार्डों में एलइडी के जरिए प्रकाश व्यवस्था व सौंदर्यीकरण का कार्य।
– नगर निगम सीमा क्षेत्र के 50 फीसदी वार्ड अभी भी गांव की शक्ल में हैं।

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