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स्वच्छता सामग्री देख, जानिए क्यों भड़क गए नगर निगम सिंगरौली के विपक्षी पार्षद

locationसिंगरौलीPublished: Dec 23, 2017 04:08:28 pm

Submitted by:

Vedmani Dwivedi

न वार्डों में सप्लाई, न निगम दफ्तर में इस्तेमाल, स्टोर की शोभा बढ़ा रही हैं स्वच्छता सामग्री

Cleaning materials.

Cleaning materials.

सिंगरौली. नगर निगम द्वारा शहर में चलाया जा रहा स्वच्छता अभियान पर विपक्ष ने फिर निशाना साधा है। दीया तले अंधेरे की बात कहते हुए प्रतिपक्षी पार्षदों ने आरोप लगाया कि शहर में स्वच्छता में करोड़ों रुपए झोंके जा रहे है जबकि निगम द तर में ही शौचालयों को कीटनाशक उपलब्ध नहीं कराए जा रहे है। इसके चलते टॉयलेट दिनभर गंधाते रहते है।
बड़े पैमाने पर खरीद
स्वच्छता अभियान के साथ शहर की साफ सफाई को लेकर निगम द्वारा बड़े पैमाने पर ब्लिचिंग पाउडर, फिनायल, लारनेक्स, हैण्डवॉश सहित एक दर्जन से अधिक प्रकार की सामग्री की खरीद की गई। उक्त सामग्री उपयोग के स्थान पर स्टोर की शोभा बढ़ाती दिख रही है। सूत्रों के अनुसार सफाई के नाम पर लाखों रुपए का सामान खरीदा गया है।
अधिकारियों के घर
विपक्षी सदस्यों की मानें तो लाखों रुपए की खरीद के बावजूद इनमें से २० प्रतिशत सामग्री भी इस्तेमाल में नहीं लाई जा रही है। हैण्डवॉश, फिनाइल जैसे महंगे आइटम अधिकारियों के घरों पर काम लिए जा रहे है जबकि इनकी खरीद शहर के सार्वजनिक स्थानों, शौचालयों के लिए की जाती है।
दफ्तर में भी नहीं तो शहर में कहां?
उक्त सामग्रियों में से एक भी आइटम निगम कार्यालय तक में इस्तेमाल नहीं हो रही है। ग्राउण्ड लोर वाले शौचालय के सामने कॉर्पोरेट कल्चर के अनुरुप कर्मचारियों के लिए ओपन चै बर बनाए गए है। उक्त चै बर शौचालय के ठीक सामने है परंतु यहां भी टॉयलेट आदि की केवल पानी से धुलाई की जा रही है। न तो फिनाइल यूज किया जा रहा है और न ही कभी हैण्डवॉश देखा गया है। इसी प्रकार सभागार कक्ष लोर वाले शौचालय के हालात भी बेहतर नहीं कहे जा सकते। यहां भी केवल परिषद के दिनों में ही फिनायल, हैण्डवॉश नजर आता है जबकि लाखों रुपए की सामग्री इसके नाम पर खरीदी जाती है।
पार्षदों ने देखा था स्टोर
गत परिषद के दौरान सामग्री खरीद पर हंगामे के बाद अध्यक्ष सीपी विश्वकर्मा के आदेश पर पार्षदों को स्टोर भेजा गया। हालांकि वहां कागजी खरीद जैसी कोई बात नहीं आई लेकिन बड़े पैमाने पर उक्त सामग्री के भण्डारण की पुष्टि जरुर हो गई।
उठाया सवाल
सफाई के नाम पर लाखों रुपए के आइटम खरीदे जा रहे है लेकिन इनमें से गाहे बगाहे छोड़ दे तो ब्लिचिंग के अलावा कोई भी सामान वार्डों तक नहीं पहुंच रहा है। सवाल यह उठता है कि आखिर उक्त सामग्री कहां जा रही है। इसकी जांच होना चाहिए।
लालचंद कुशवाहा पार्षद, माकपा
वार्डों में दो तीन माह में एक बार आंशिक तौर पर ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव कर दिया जाता है। यह व्यवस्था भी हमारी शिकवा शिकायतों के बाद हो पाती है। जब निगम कार्यालय में ही उक्त सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जा रही है तो लाखों की सामग्री केवल स्टोर की शोभा बढ़ाने के लिए खरीदी गई है।
रामसागर शाह नेता प्रतिपक्ष, ननि सिंगरौली
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