जानकारी के लिए बतादें कि अभी हाल ही में महापौर प्रेमवती खैरवार ने निगम अधिकारियों की बैठक बुलाकर शहर के बड़े नाले व नालियों की सफाईके लिए सख्त निर्देश दी थीं। जिम्मेदार अधिकारियों की लचर व्यवस्था व जल निकासी की अव्यवस्था के कारण शहर के गलियों में कई दिन पानी भरा रह जाता है। शहर के मुख्य स्थल माजन मोड़ सहित गनियारी, बलियारी, डीएवी मार्ग व कोतवाली रोड पर पानी भर जाता है।
इसका वजह है कि कचरे में नालियां जाम रहती हैं।पानी भरने के कारण बारिश के दिनों में नागरिकों को आवागमन के लिए मुसीबत होती है। साथ ही गली-मोहल्लों में बने घरों में पानी घुस जाता है। हैरानी की बात ये है कि बारिश सिर पर है अभी तक प्रशासन और नगर निगम ने कोई सबक नहीं लिया है। जल निकासी के लिए भले ही बैठकें हुई हों लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है।
नालियों पर अतिक्रमण
लापरवाही का आलम यह है कि मुख्य मार्ग सहित गली मोहल्लों में नाले-नालियों पर अतिक्रमण किया गया है। माजनमोड़ से अस्पताल चौक तक दुकानें नाला-नालियों के ऊपर चल रही हैं। बारिश के मद्दनेजर अभी तक इसकी सफाई भी शुरू नहीं हुई है। जबकि शहर का पानी इन्हीं नालियों से होकर बड़े नालों तक पहुंचता है।
लापरवाही का आलम यह है कि मुख्य मार्ग सहित गली मोहल्लों में नाले-नालियों पर अतिक्रमण किया गया है। माजनमोड़ से अस्पताल चौक तक दुकानें नाला-नालियों के ऊपर चल रही हैं। बारिश के मद्दनेजर अभी तक इसकी सफाई भी शुरू नहीं हुई है। जबकि शहर का पानी इन्हीं नालियों से होकर बड़े नालों तक पहुंचता है।
जिम्मेदारी से अनजान अफसर
बारिश से पहले की तैयारी को लेकर निगम के अफसरों ने कुछ विशेष बता पाने में असमर्थता जताई। अफसरों ने इतना जरूर कहा है कि नालियों की सफाईकराईजा रही है। इससे स्पष्ट है कि कार्ययोजना अभी धरातल पर नहीं है। शहर के बड़े नालों में कचरे का जाम दूर से देखा जा सकता है। यह बात दीगर है कि नगर निगम यह दावा कर रहा है कि नालों की सफाई शुरू करा दी गई है।
बारिश से पहले की तैयारी को लेकर निगम के अफसरों ने कुछ विशेष बता पाने में असमर्थता जताई। अफसरों ने इतना जरूर कहा है कि नालियों की सफाईकराईजा रही है। इससे स्पष्ट है कि कार्ययोजना अभी धरातल पर नहीं है। शहर के बड़े नालों में कचरे का जाम दूर से देखा जा सकता है। यह बात दीगर है कि नगर निगम यह दावा कर रहा है कि नालों की सफाई शुरू करा दी गई है।
आबादी पर संकट
शहरी क्षेत्र में करीब सवा दो लाख से अधिक की आबादी बसती है। बैढऩ, मोरवा, सिंगरौली के वार्डों में जलभराव बड़ी समस्या बनती है। इसकी वजहें दो रहीं। एक अनियोजित विकास अर्थात जहां चाहा नाली बना दी और उसे मुख्य नाले से नहीं जोड़ा गया। दूसरा कई वार्डो में नाली ही नहीं है। बारिश का पानी बहने का रास्ता तक नहीं है।
शहरी क्षेत्र में करीब सवा दो लाख से अधिक की आबादी बसती है। बैढऩ, मोरवा, सिंगरौली के वार्डों में जलभराव बड़ी समस्या बनती है। इसकी वजहें दो रहीं। एक अनियोजित विकास अर्थात जहां चाहा नाली बना दी और उसे मुख्य नाले से नहीं जोड़ा गया। दूसरा कई वार्डो में नाली ही नहीं है। बारिश का पानी बहने का रास्ता तक नहीं है।