एनसीएल के पांचों यूनियनों की शनिवार को वर्चुअल बैठक होनी है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। शनिवार तड़के सुबह से ही संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया और एनसीएल की सभी खदाने लगभग ठप सी हो गई। सुबह 10 बजे से संयुक्त मोर्चा के सभी केंद्रीय नेताओं ने सभी परियोजनाओं में भ्रमण करते हुएए सभी कोल श्रमिकों का उत्साह बढ़ाया एवं ऐतिहासिक हड़ताल की कामयाबी पर सभी कोल श्रमिकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने बताया कि शत प्रतिशत हड़ताल कामयाब रहा है और एनसीएल आंकड़े गिनने में व्यस्त हैं। शनिवार दोपहर 2 बजे संयुक्त मोर्चा के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में फैसला लिया गया कि रविवार से परियोजना गेट पर मीटिंग करके मजदूरों को कामर्शियल माइनिंग से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा और यदि कामर्शियल माइनिंग के फैसले को सरकार नहीं बदलती है तो 18 अगस्त को एकदिवसीय हड़ताल किया जाएगा।
एनसीएल के यूनियन नेताओं ने कहा कि अधिकारियों से शावेल, डंपर व डोजर चलवाने की नौबत आ गई और प्रबंधन के सारे हथकंडे फेल हो गए। इंटक यूनियन नेता आदित्य नारायण मिश्रा एवं एटक नेता अशोक दुबे ने कहा कि तीन दिन की हड़ताल 100 प्रतिशत शांतिपूर्ण रही। यह अपने-आप में एक सफलता है। उन्होंने कहा कि गुरुवार से जो कोयला खदानें बंद थीं, शनिवार को भी उनका परिचालन बंद रहा।
सीटू नेता अशोक धारी एवं बीएमएस नेता अरुण दुबे ने कहा कि पिछले दो दिन की तुलना में शनिवार को हड़ताल में अधिक श्रमिक शामिल हुए। सभी ट्रेड यूनियनें कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ हैं। हम आने वाले दिनों में भी इसका विरोध जारी रखेंगे। एनसीएल पीआरओ राम विजय सिंह ने बताया कि हड़ताल से कोयला उत्पादन एवं डिस्पैच पर असर पड़ा है। वहीं आटसोर्सिंग प्रोजेक्ट में कमोवेश काम चला। हड़ताल में किसी भी प्रकार की कोई हिंसा नहीं हुई और माहौल शांतिपूर्ण रहा।