जयंत-मोरवा मुख्य मार्ग स्थित मुड़वानी डैम, शुक्ला मोड़ व रेलवे स्टेशन के पास अक्सर जाम की स्थिति निर्मित होती है। क्योंकि इन स्थानों पर कोल वाहनों में खराबी आ जाने से अन्य वाहनों को निकलने के लिए रास्ता बंद हो जाता है। ऐसे में लंबा जाम लगने से दूसरे कोल वाहन सहित छोटे वाहन भी जाम लगने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसमें चालकों की लापरवाही रहती है।
वाहनों में कोई खराबी है तो उसे ठीक कराने के बाद ही परिवहन करें। ताकि बीच सड़क पर खराब हो रहे वाहनों की वजह से लग रहा जाम से निजात मिल सकेगा। बैठक के दौरान कलेक्टर ने कहा कि लगातार जाम लगने की सूचना मिलती है। इसके लिए सड़कों के किनारे हैवी वाहनों को खड़ा करने से ऐसी स्थिति निर्मित होती है। इस पर चालकों को ध्यान देने की जरूरत है। ट्रांसपोर्टरों ने समस्याओं को अवगत कराते हुए कलेक्टर से कहा कि यह समस्या लंबे समय से बन रही है। इसका समाधान जरूरी है। बैठक में एसपी बीरेंद्र सिंह व एसडीएम सिंगरौली ऋषि पवार सहित ट्रांसपोर्टर उपस्थित रहे।
माजन मोड़ से अनुमति की मांग
कोयला परिवहन के लिए प्रतिबंधित शहर के माजनमोड़ से कोल वाहनों को निकलने की मांग ट्रांसपोर्टरों ने बैठक के दौरान किया है। हालांकि कलेक्टर ने इसे इंकार कर दिया है। क्योंकि शहर में भीड़ की वजह से कोल परिवहन करना उचित नहीं है। इसलिए प्रशासन की ओर से जंयत, मोरवा व गोरबी होते हुए बरगवां से परसौना मार्ग पर बकायदे रूट निर्धारित किया है। वहीं शहर के माजन मोड़ सेे कोल परिवहन करने के लिए पूरी तरह से रोक लगा रखा है।
कोयला परिवहन के लिए प्रतिबंधित शहर के माजनमोड़ से कोल वाहनों को निकलने की मांग ट्रांसपोर्टरों ने बैठक के दौरान किया है। हालांकि कलेक्टर ने इसे इंकार कर दिया है। क्योंकि शहर में भीड़ की वजह से कोल परिवहन करना उचित नहीं है। इसलिए प्रशासन की ओर से जंयत, मोरवा व गोरबी होते हुए बरगवां से परसौना मार्ग पर बकायदे रूट निर्धारित किया है। वहीं शहर के माजन मोड़ सेे कोल परिवहन करने के लिए पूरी तरह से रोक लगा रखा है।