आदेश बेअसर
इधर, जिला प्रशासन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का माखौल उड़ाने से बाज नहीं आ रहा है। अब तक ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन कराने में जिला प्रशासन पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। जब मामूली सख्ती होती है, तब अधिकारी गुपचुप तरीके से बैठक कर एनजीटी के आदेशों को बार-बार तोड़-मरोड़कर जनता के सामने पेश करते रहे हैं। हालात यह है कि सड़क में कोल डस्ट की चादरें बिछ गई हैं। इस तरह से कुछ दिन बाद यह सड़क शुक्ला मोड़ के रूप में बदल जाएगी। जिला प्रशासन कोल वाहनों में स्पीड गर्वनर लगाने की बात कहकर जनता को गुमराह कर रहा है। बताते चलें कि कोल ट्रासपोर्ट से आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है। कई बार आंदोलन हुए, मगर जिला प्रशासन जनता को गुमराह करता रहा। करीब २५ लोग वाहनों से कुचलकर दम तोड़ चुके हैं।
इधर, जिला प्रशासन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का माखौल उड़ाने से बाज नहीं आ रहा है। अब तक ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन कराने में जिला प्रशासन पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। जब मामूली सख्ती होती है, तब अधिकारी गुपचुप तरीके से बैठक कर एनजीटी के आदेशों को बार-बार तोड़-मरोड़कर जनता के सामने पेश करते रहे हैं। हालात यह है कि सड़क में कोल डस्ट की चादरें बिछ गई हैं। इस तरह से कुछ दिन बाद यह सड़क शुक्ला मोड़ के रूप में बदल जाएगी। जिला प्रशासन कोल वाहनों में स्पीड गर्वनर लगाने की बात कहकर जनता को गुमराह कर रहा है। बताते चलें कि कोल ट्रासपोर्ट से आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है। कई बार आंदोलन हुए, मगर जिला प्रशासन जनता को गुमराह करता रहा। करीब २५ लोग वाहनों से कुचलकर दम तोड़ चुके हैं।
उड़ाई गई आदेशों की धज्जियां
अक्टूबर 2015 में जिला प्रशासन ने एनजीटी व मुख्य सचिव के आदेश को डस्टबिन में डालते हुए रात 8 से सुबह 6 बजे तक कोल परिवहन की अनुमति दी, जिसका नतीजा यह हुआ कि बेकसूरों की मौतें कुचलकर होने लगीं।
जनवरी 2016 में जिला प्रशासन का रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक का आदेश भी हवा हवाई हो गया। फिर दिन-रात कोल ट्रकों की आवाजाही शुरू हो गई।
15 अक्टूबर 2017 एनजीटी ने सभी पक्षों से दो साल में कोर कमेटी के आदेशों पर हुई कार्यवाही का विवरण माँगा और पालन नहीं होने पर कार्यवाही करने को कहा।
24 दिसम्बर 2017 को कलेक्टर सिंगरौली अनुराग चौधरी ने संबंधित पक्षों के साथ बैठक कर एनजीटी के आदेश का पालन करने को कहा। तत्कालीन एसडीएम सिंगरौली विकास सिंह ने एक कार्यालयीन पत्र जारी कर कोल परिवहन को शाम 5 बजे से 8 बजे तक बंद करने का कागज़ी आदेश दिया।
अक्टूबर 2015 में जिला प्रशासन ने एनजीटी व मुख्य सचिव के आदेश को डस्टबिन में डालते हुए रात 8 से सुबह 6 बजे तक कोल परिवहन की अनुमति दी, जिसका नतीजा यह हुआ कि बेकसूरों की मौतें कुचलकर होने लगीं।
जनवरी 2016 में जिला प्रशासन का रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक का आदेश भी हवा हवाई हो गया। फिर दिन-रात कोल ट्रकों की आवाजाही शुरू हो गई।
15 अक्टूबर 2017 एनजीटी ने सभी पक्षों से दो साल में कोर कमेटी के आदेशों पर हुई कार्यवाही का विवरण माँगा और पालन नहीं होने पर कार्यवाही करने को कहा।
24 दिसम्बर 2017 को कलेक्टर सिंगरौली अनुराग चौधरी ने संबंधित पक्षों के साथ बैठक कर एनजीटी के आदेश का पालन करने को कहा। तत्कालीन एसडीएम सिंगरौली विकास सिंह ने एक कार्यालयीन पत्र जारी कर कोल परिवहन को शाम 5 बजे से 8 बजे तक बंद करने का कागज़ी आदेश दिया।
इनका कहना है
मामले में एसडीएम नागेश सिंह का कहना है कि एनजीटी के आदेशों की पूरी तरह पालना कराई जाएगी फिलहाल दिन में वाहनों के संचालन पर रोक लगाई गई है।
मामले में एसडीएम नागेश सिंह का कहना है कि एनजीटी के आदेशों की पूरी तरह पालना कराई जाएगी फिलहाल दिन में वाहनों के संचालन पर रोक लगाई गई है।