खचाखच भरे सभागार में संभागायुक्त ने शिक्षकों के लिए क्या बोला, पढ़ें खबर
शैक्षणिक गुणवत्ता से रहे असंतुष्ट...

सिंगरौली. स्कूलों में प्रवेश की तेज रफ्तार और प्रदेश में टॉपटेन जिलों में शामिल होने के लिए संभागायुक्त अशोक भार्गव ने शिक्षा अधिकारियों की पीठ थपथपाई, लेकिन शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर असंतुष्ट नजर आए।
अधिकारियों को हर हाल में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने को कहा। साथ ही उन्हें नसीहत भी दी।संभागायुक्त एनटीपीसी के मैत्री सभागार में आयोजित बैठक के दौरान शिक्षा अधिकारियों व शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आयोजित बैठक में संभागायुक्त ने कहा कि शिक्षक दृढ़ संकल्प शक्ति से अपने शिक्षकीय दायित्व का निर्वहन करें तो शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर होते देर नहीं लगेगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों में यह भावना होनी चाहिए कि प्रत्येक छात्र उनका प्रिय विद्यार्थी है और उनके विद्यालय का शत-प्रतिशत उत्कृष्ट परिणाम आए। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को उनके दायित्व का बोध कराते हुए कहा कि वह स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग करें और जहां आवश्यक जान पड़ता है वहां कार्रवाई करें। जैसे भी हो शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार आना ही चाहिए।
प्राचार्यों को किया सम्मानित
बैठक के दौरान ही संभागायुक्त बेहतर परीक्षा परिणाम लाने वाले शाउमा उत्कृष्ट विद्यालय बैढऩ के प्राचार्य इन्द्रबली उपाध्याय व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोपला के प्रभारी प्राचार्य शिवशंकर प्रसाद वैश्य को सम्मनित भी किया गया। उन छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया, जिनके अंक बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट रहे हैं।
कलेक्टर बोले, आत्ममंथन की जरूर
कलेक्टर केवीएस चौधरी ने कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए शिक्षकों में आत्ममंथन की आवश्यकता है। शिक्षक इच्छाशक्ति व प्रेरणा के सच्चे मन से आत्मविश्वास से कार्य कर जिले को प्रदेश के उच्चतम स्तर तक पहुंचाने में भागीदारी निभा सकते हैं। अब उन्हें इसके लिए कोशिश करने की जरूरत है।
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