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साहब! कंपनी ने रोक दिया विस्थापन भत्ता, नहीं हो पा रहा गुजारा

locationसिंगरौलीPublished: Sep 28, 2022 12:32:29 am

Submitted by:

Ajeet shukla

8 महीने से हर जनसुनवाई में पहुंच रहे 58 वर्षीय विस्थापित शंकरदयाल, राहत नहीं ….

Company stopped displacement allowance, unable to survive

Company stopped displacement allowance, unable to survive

सिंगरौली. साहब, पिछले आठ महीने से हर मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंच रहा हूं। हर बार आश्वासन मिलता है, लेकिन अभी तक राहत नहीं मिली। अब तो भत्ता दिलवा दीजिए। जनसुनवाई में पहुंचे 58 वर्षीय शंकर दयाल इतना ही बोल पाए थे, कि उनकी आंखे भर आई। संभलते हुए कहा कि गुजारा के लिए भत्ता ही एक मात्र सहारा है।
जमीन-जायदाद सब कंपनी ने ले लिया, अब गुजारा कैसे करें? रिलायंस सासन पॉवर से विस्थापित हर्रहवा ग्राम निवासी शंकर दयाल ने एसडीएम को बताया कि करीब आठ महीने पहले उन्हें कंपनी से मिलने वाला भत्ता 60 वर्ष की आयु पूरा होना बताते हुए रोक दिया गया। हर महीने उन्हें विस्थापित भत्ता के रूप में 8700 रुपए मिल जाया करते थे।
इससे उनका गुजारा हो जाता था, लेकिन फरवरी महीने से भत्ता नहीं मिलने के चलते वह पाई-पाई को मोहताज हैं। प्रत्येक मंगलवार को गांव के किसी व्यक्ति की गाड़ी में ईधन भरवाते हैं तो उनके लिए यहां जनसुनवाई तक आना संभव हो पाता है। फिलहाल एक बार फिर पीडि़त वृद्ध को आश्वासन ही मिला है। हालांकि एसडीएम ने कहा कि अब उन्हें दोबारा आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कंपनी नहीं मान रही एसडीएम का आदेश
पीडि़त वृद्ध ने बताया कि अप्रेल महीने में उनकी अपील पर एसडीएम सिंगरौली ऋषि पवार द्वारा सासर पॉवर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को विस्थापित भत्ता दिए जाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कंपनी ने उस आदेश को नजर अंदाज कर दिया गया। पीडि़त ने बताया कि कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि भत्ता लेना है तो कोर्ट जाओ।
जनसुनवाई में विस्थापितों की संख्या अधिक
कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में पहुंचने वाले पीडि़तों में कंपनियों से प्रभावित लोगों की संख्या सबसे अधिक रही। अब की बार मंगलवार को जनसुनवाई में कुल 114 आवेदन आए। इनमें से 20 आवेदन केवल विस्थापितों व कंपनियों से पीडि़तों के रहे। ज्यादातर आवेदन भत्ता नहीं मिलने, मुआवजा व नौकरी दिलाने जैसी मांग से संबंधित रहे।

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