ऊर्जाधानी में विकास की रफतार बेहद धीमी है। यहां निर्माण शुरू तो होते हैं लेकिन पूरा होने में लंबा समय लग जाता है। ट्रॉमा सेंटर का हाल भी कुछ ऐसा ही है। जिसका निर्माण साढ़े तीन साल पहले शुरू हुआ था लेकिन अभी भी अधूरा है। सीएमएचओ कार्यालय के सामने ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के लिए 11 सितंबर 2015 को आदेश हुआ था। कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी पीआईयू को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया था।
निर्माण पूर्ण करने की अवधि तो छोडि़ए परफार्मेंस गांरटी का समय भी गुजर गया है लेकिन ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को लेकर शासन-प्रशासन दोनों ने दूरी बनाए रखी। नतीजा यह रहा कि पूरा होने की उम्मीदें भी धूमिल होती जा रही हैं।
जानकारी के लिए बताते चलेंकि माननीयों ने डीएमएफ सहित योजना समिति की बैठक ली थी। जिसमें ट्रॉमा सेंटर की प्रगति को लेकर चर्चा हुई थी। इसे जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी की ओर से ट्रॉमा सेंटर के निर्माणकार्य की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं कर पाए।
कोयला परिवहन का क्षेत्र होने के कारण सिंगरौली सडक़ दुर्घटनाओं को लेकर डेंजर जोन में गिना जाता है। यहां हर दिन दुर्घटनाएं होती है। जिनमें गंभीर रूप से घायलों की अकाल मौत होती है। इन्हीं मौतों को रोकने के लिए ट्रॉमा सेंटर की आधारशिला रखने की पहल हुई थी। पर ये पहल आज तक साकार रूप नहीं ले सकी है।
निर्माण कार्य : ट्रॉमा सेंटर
एजेंसी: पीडब्ल्यूडी पीआईयू
प्रशासकीय राशि: 8 8 9.8 8 लाख
कार्य आदेश दिनांक: 11-9-2015
कार्य पूर्ण करने की अवधि: 28 माह
परफार्मेस गारंटी अवधि: 3 वर्ष