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निष्क्रिय दुग्ध उत्पादक समितियों का अस्तित्व खत्म, 18 का पंजीयन निरस्त, 35 पर लटकी तलवार

locationसिंगरौलीPublished: Feb 24, 2020 02:43:42 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

सहकारिता विभाग की ओर से की गई कार्रवाई….

Cooperative Dept canceled milk production committees in Singrauli

Cooperative Dept canceled milk production committees in Singrauli

सिंगरौली. लंबे समय से निष्क्रिय पड़ी पंजीकृत समितियों पर सहकारिता विभाग ने नियमों का चाबुक चला दिया है। यह प्रक्रिया एक माह पहले शुरू हुई और अब तक जारी है। मामला जिले की सभी तहसीलों में पंजीकृत प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी संस्थाओं से संबद्ध हैं। इस दौरान निष्क्रियता के आधार पर चालू माह के आरंभ में 18 संस्थाओं का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। इससे लगभग दो गुना संख्या में प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी संस्थाएं ऐसी ही कार्रवाई के घेरे में हैं। इनके परिसमापन की प्रक्रिया जारी है। बताया गया कि मार्च माह तक इन संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त हो जाएगा।
सहकारिता विभाग के स्थानीय उपायुक्त कार्यालय ने मुख्यालय के निर्देश पर जिले में निष्क्रिय सहकारी संस्थाओं की पड़ताल कर उनका परिसमापन की कार्रवाई दो माह पहले शुरू की। इसमें पाया गया कि जिले में 74 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी संस्थाएं पंजीकृत हैं मगर सामने आया कि इनमें से अधिकतर संस्थाएं लंबे समय से निष्क्रिय हैं व उनके स्तर पर कोई गतिविधि संचालित नहीं की जा रही। इस कारण इन सभी समितियों को नोटिस देकर कामकाज व लेखा संबंधी सूचना मांगी गई।
पंजीकृत सभी संस्थाओं में से अधिकतर की ओर से विभाग के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया। इन संस्थाओं ने बीते तीन वर्ष में अपने स्तर पर किए गए कामकाज का कोई ब्यौरा नहीं दिया तथा ना ही लेखा संबंधी कोई सूचना विभाग को जमा कराई गई। इससे साफ हुआ कि नोटिस का जवाब नहीं देने वाली संस्थाएं पूरी तरह से निष्क्रिय हैं और उनका पंजीयन जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। इस कसरत में पूरी तरह निष्क्रिय पड़ी प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी संस्थाओं की संख्या 53 होना सामने आया।
सहकारिता विभाग उपायुक्त कार्यालय के अधिकारी सूत्रों ने बताया कि इसके बाद प्रक्रिया पूरी करते हुए इस माह के प्रथम सप्ताह में निष्क्रिय चल रही 18 संस्थाओं के परिसमापन की कार्रवाई पूर्ण की गई। इसके साथ ही इन संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त कर दिया गया। अब इन संस्थाओं का वैधानिक तौर पर कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। इन संस्थाओं का पांच से तीन वर्ष पूर्व अलग-अलग समय में पंजीयन कराया गया था।
अभी 35 और समापन की ओर
सहकारिता विभाग अधिकारियों की ओर से बताया गया कि अभी जिले में पंजीकृत 35 अन्य प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी संस्थाओं केे संबंध में यह प्रक्रिया जारी है। इन संस्थाओं की ओर से भी बीते दो-तीन वर्ष से विभाग के नियमों की पालना नहीं की जा रही तथा उन्होंने विभाग की ओर से दिए गए नोटिस का जवाब भी नहीं दिया। इस कारण इन 35 संस्थाओं का भी परिसमापन की प्रक्रिया चल रही है।
बताया गया कि आगामी माह तक इन 35 संस्थाओं की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद उनका पंजीयन भी निरस्त कर दिया जाएगा। इन सभी संस्थाओं का पंजीयन ग्रामीण क्षेत्र में कराया गया तथा इनका उद्देश्य जबलपुर संघ के लिए दुग्ध संकलन का काम करना था मगर सामने आया कि पंजीयन के बाद अधिकतर संस्थाओं ने काम शुरु ही नहीं किया अथवा कुछ समय दुग्ध संकलन के बाद कामकाज बंद कर दिया। इसके साथ ही इन संस्थाओं के पदाधिकारी व सदस्य भी घर बैठ गए।
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