scriptन डाइट का पता, न ही बिजली का ठिकाना, भगवान भरोसे मरीजों के स्वस्थ होने की कामना | Corona infected patient face problem Isolation ward Singrauli | Patrika News

न डाइट का पता, न ही बिजली का ठिकाना, भगवान भरोसे मरीजों के स्वस्थ होने की कामना

locationसिंगरौलीPublished: May 30, 2020 12:18:45 am

Submitted by:

Ajeet shukla

कोरोना संक्रमित मरीजों का ठटरा स्थित आइसोलेसन वार्ड….

Corona infected patient face problem Isolation ward Singrauli

Corona infected patient face problem Isolation ward Singrauli

सिंगरौली. बिजली की व्यवस्था पूरी तरह आपूर्ति के भरोसे। आपूर्ति ठप तो बिजली गुल। 43 डिग्री तापमान में गर्मी से राहत पाने टेबल फैन की व्यवस्था। बात ठटरा पंचायत भवन में बनाए गए उस आइसोलेशन वार्ड की कर रहे हैं, जहां एक दो नहीं बल्कि कुल नौ कोरोना मरीज ठहराए गए हैं। लाइट गुल होने के चंद मिनट में पसीने से तरबतर हो जाना और लाइट आने पर पसीने से भीगे बदल में ठंड लगना भर्ती कोरोना संक्रमितों की नीयत बन चुकी है।
अब बात करते हैं मरीजों को मिलने वाली हेल्दी डाइट की। जाहिर सी बात है कि कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ तभी रहेंगे जब तक उनके शरीर का प्रतिरोधक तंत्र कोरोना वायरस से फाइट करता रहेगा। वाइरस से फाइट करने के लिए शरीर को हेल्दी डाइट जरूरी है। सुबह नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के खाने में उन्हें पोषक तत्व व सुपाच्य भोजन मिलना चाहिए। फिलहाल मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी उनके गरीब परिजनों को ही सौंप दी गई है, जो बिना किसी परामर्श के दी जा रही है।
वार्ड में बिजली व्यवस्था और मरीजों की डाइट के बाद बात उनके स्वास्थ्य परीक्षण की करते हैं। मरीजों की निगरानी में लगा चितरंगी स्वास्थ्य केंद्र का दल हर रोज उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंच रहा है। अच्छी खबर यह है कि सभी नौ मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बावजूद स्वस्थ हैं। उनमें अभी तक कोई विशेष लक्षण देखने को नहीं मिला है। चिकित्सक उम्मीद कर रहे हैं कि वह स्वस्थ होकर घर पहुंचेंगे। मरीजों की अब तक की शरीरिक स्थिति भी कुछ ऐसा ही शुभ संदेश दे रही है।
मरीजों को लेकर अमला गंभीर नहीं
जिला प्रशासन की ओर से आइसोलेट किए गए मरीजों की व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन स्थानीय अमला कोई खास गंभीर नहीं है। इसकी पीछे एक वजह यह भी है कि सभी मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। लेकिन इस स्थिति में भी जिम्मेदारों को रिस्क नहीं लेना चाहिए। क्योंकि इस भयानक गर्मी से आम लोग बेहाल हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल व व्यवस्था में जरा सी खामी भारी पड़ सकती है।
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