पुष्पराज ने बतौर क्लीनिकल रिसर्च साइंटिस्ट के पद पर रहते हुए यह वैक्सीन तैयार की थी। यह वैक्सीन मनुष्य के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल भी पूरा किया गया है। दवा माइकोबैक्टेरियम डब्लू वैक्सीन टीबी, कुष्ठ रोग व कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर रोगी को ठीक करने में बहुत उपयोगी सिद्ध हुई है। दावा है कि यह दवा वर्ष 2020 में कोरोना वायरस कोविड 19 के इलाज में भी संजीवनी का काम कर लोगों को जल्द से जल्द ठीक कर रही है।
वर्तमान में इस दवा का परीक्षण एम्स भोपाल, एम्स दिल्ली व पीजीआई चंडीगढ़ में किया जा रहा है। जिसका परिणाम काफी संतोषजनक है। जिस कार्य के लिए उन्हें कई एनजीओ व वर्तमान बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के कुलसचिव द्वारा सम्मानित करते हुए प्रशस्ति पत्र दिया गया है। पुष्पराज के मुताबिक विश्वविद्यालय को जानकारी प्राप्त हुई कि लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐसी वैक्सीन को विकसित करने में उत्कृष्ट योगदान दिया है जो कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है तो उन्होंने सम्मानित करने का निर्णय लिया।
पुष्पराज ने बताया कि आज के परिवेश में सर्वाधिक खतरनाक कोरोना महामारी से निजात पाने में यह संजीवनी का काम कर रही है। जिस प्रकार करोना संक्रमित मरीजों को हाइड्रोक्लोरो क्वीन मलेरिया में उपयोगी दवा से लोग ठीक हो रहे हैं। उसी प्रकार वर्ष 2010-11 में बनाई गई इस इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने वाली वैक्सीन लाभकारी साबित हो रही है। वर्तमान में पुष्पराज मुंबई में स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।