मिली जानकारी के मुताबिक नदनी पंचायत का झरिया टोला गांव की बसाहट सोन नदी के किनारे स्थित है। जहां नदी से निकलकर मगरमच्छ गांव में चला गया। देर शाम हो चली थी, गनीमत रहा कि ग्रामीणों ने मगरमच्छ को देख लिया। लेकिन गांव में मगरमच्छ के घुसने की सूचना पूरे गांव में फैल गई, जिससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। बताया गया है कि समय पर सूचना मिलने के बाद भी सोन घडिय़ाल की टीम ने गंभीरता नहीं दिखाई।
सुबह पहुंची सोन घडिय़ाल की टीम
गांव में मगरमच्छ घुसने से जहां ग्रामीणों ने रात जाग कर बिताई।वहीं दूसरी ओर से सूचना के बावजूद सोन घडिय़ाल की टीम दूसरे दिन यानी शुक्रवार की सुबह पहुंची। तब तक ग्रामीणों ने मशक्कत करते हुए खुद से रेस्क्यू चलाकर मगरमच्छ को पकड़ते हुए उसे जाल में फंसाकर सुरक्षित बांधकर रखा था। सोन घडिय़ाल की टीम जब गांव में पहुंची तो ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त था। खरी-खरी सुनाने के बाद ग्रामीणों ने मगरमच्छ को सुपुर्द कर दिया। इसके बाद टीम उसे वापस ले गई।
गांव में मगरमच्छ घुसने से जहां ग्रामीणों ने रात जाग कर बिताई।वहीं दूसरी ओर से सूचना के बावजूद सोन घडिय़ाल की टीम दूसरे दिन यानी शुक्रवार की सुबह पहुंची। तब तक ग्रामीणों ने मशक्कत करते हुए खुद से रेस्क्यू चलाकर मगरमच्छ को पकड़ते हुए उसे जाल में फंसाकर सुरक्षित बांधकर रखा था। सोन घडिय़ाल की टीम जब गांव में पहुंची तो ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त था। खरी-खरी सुनाने के बाद ग्रामीणों ने मगरमच्छ को सुपुर्द कर दिया। इसके बाद टीम उसे वापस ले गई।