एनआरएलएम द्वारा गणवेश सिलाई का कार्य जिले के १७७ समूहों को दिया गया। सिलाई के लिए जहां 30 समूहों ने व्यक्तिगत स्तर पर सिलाई की जिम्मेदारी ली। वहीं बाकी के समूहों के लिए 29 सिलाई केंद्र भी बनाए जाने की योजना तय की गई, लेकिन शैक्षणिक सत्र बीत जाने के बावजूद अभी तक छात्र-छात्राओं को गणवेश नसीब नहीं हुआ। यह बात और है कि करीब साढ़े आठ करोड़ के तय बजट में से आधे से अधिक राशि का भुगतान करा लिया गया है। गौरतलब है कि प्रति छात्र गणवेश के लिए 600 रुपए का बजट उपलब्ध कराया जाता है।
विभागीय सूत्रों की माने तो चितरंगी को छोड़ दिया जाए तो देवसर व वैढऩ जनपद पंचायत के समूहों ने गणवेश सिलाई का कार्य शुरू ही नहीं किया गया है। चितरंगी में भी एक तिहाई छात्र-छात्राओं के लिए ही गणवेश तैयार हो पाए हैं। हालांकि अधिकारियों का दावा कुछ और ही है। उनका कहना है कि लगभग सभी छात्र-छात्राओं के गणवेश तैयार हो चुके हैं। जबकि हकीकत यही है कि कुछ स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो बाकी के छात्र-छात्राओं को गणवेश नहीं मिला है। जिले के कुल 1914 स्कूलों के छात्र-छात्राओं को गणवेश उपलब्ध कराया जाना था। 98 फीसदी से अधिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं के गणवेश नहीं मिला है।
शैक्षणिक सत्र 2020-21 में छात्रसंख्या
जनपद पंचायत- स्कूल- छात्र संख्या
देवसर- 674- 46981
चितरंगी- 673- 55192
वैढऩ- 567- 45673 वर्जन –
समूहों द्वारा अभी गणवेश तैयार किया जा रहा है। पूरा विवरण अभी नहीं दे पाएंगे। देर जरूर हो गई है, लेकिन जल्द ही कार्य पूरा हो जाएगा। न
नीरज परमार, डीपीएम एनआरएलएम सिंगरौली।
वर्जन –
शैक्षणिक सत्र 2020-21 में छात्र-छात्राओं को गणवेश नहीं मिला है। स्कूल भी नहीं खुले। कुछ स्कूलों में वितरण कराया गया है।
आरके दूबे, डीपीसी जिला शिक्षा केंद्र सिंगरौली।
शैक्षणिक सत्र 2020-21 में छात्र-छात्राओं को गणवेश नहीं मिला है। स्कूल भी नहीं खुले। कुछ स्कूलों में वितरण कराया गया है।
आरके दूबे, डीपीसी जिला शिक्षा केंद्र सिंगरौली।