अशुद्ध पेय पदार्थ व दूषित भेाजन व पानी इस संक्रमण को बढ़ावा दे रहा है। ओपीडी में पहुंचे रहे मरीजों की स्थिति यह है कि जिला अस्पताल में इन दिनों बेड भी कम पड़ गए हैं। जिस कारण मरीजों का प्राथमिक उपचार कर उन्हें छुट्टी दी जा रही है। डायिरया से पीडि़त मरीजों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है।
जिला अस्पताल के ओपीडी में रोजाना डायरिया से प्रभावित मरीज पहुंच रहे हैं। मौसम परिवर्तन के साथ ही डायरिया का संक्रमण मरीजों को अपनी चपेट में लेने लगा है। रोजाना २०-२५ मरीजों का सरकारी अस्पताल में पहुंचना बेहद गंभीर स्थिति है। जबकि ऐसे मरीजों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा है। क्योंकि इससे ज्यादा संख्या में मरीज निजी अस्पतालों व चिकित्सकों का भी रुख कर रहे होंगे। ज्यादातर मरीज दूर दराज के गांवों से पहुंच रहे हैं। जबकि इनमें शहर से जुड़े हुए मरीज भी हैं।
वहीं तेजी से बढ़ रहे डायरिया संक्रमण का असर स्वास्थ्य विभाग जरा भी गंभीर नहीं है। जबकि पिछले साल डायरिया से जहां आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं कई गंभीर स्थिति इलाज करा रहे थे। इसके संक्रमण से सैकड़ों मरीज प्रभावित हुए थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अभी भी इसके प्रति सतर्क नहीं हुआ है।
बीमारी को हल्के में लेते हंै मरीज
डायरिया जैसे बीमारी को मरीज हलके में लेते हैं, लेकिन जब स्थिति ज्यादा बिगड़ जाती है तभी अस्पताल पहुंचते हैं। तब तक मरीज के अंदर पानी की मात्रा बेहद कम हो जाती है। इस बीमारी में मरीज की हालत ज्यादा खराब हो जाती है। उल्टी और दस्त लगातार होने से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है और इसका सीधा असर गुर्दो पर पड़ता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है।
डायरिया जैसे बीमारी को मरीज हलके में लेते हैं, लेकिन जब स्थिति ज्यादा बिगड़ जाती है तभी अस्पताल पहुंचते हैं। तब तक मरीज के अंदर पानी की मात्रा बेहद कम हो जाती है। इस बीमारी में मरीज की हालत ज्यादा खराब हो जाती है। उल्टी और दस्त लगातार होने से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है और इसका सीधा असर गुर्दो पर पड़ता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है।
प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी:-
केस-एक
तेलदह निवासी लक्ष्मी नारायण का सात वर्षीय बेटा उल्टी-दस्त से पीडि़त था। जिसका इलाज कराने जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार कर जगह के अभाव में घर जाने की सलाह दी। जबकि मासूम गंभीर हालत में था।
केस-दो
सखौंहा निवासी शांति देवी को रविवार की देर रात से उल्टी-दस्त हो रहा था। जिससे महिला गंभीर हालत में हो गई थी। सोमवार की सुबह उपचार कराने जिला अस्पताल पहुंची। जहां डाक्टरों ने दवा देकर उसकी छुट्टी कर दी।
केस-एक
तेलदह निवासी लक्ष्मी नारायण का सात वर्षीय बेटा उल्टी-दस्त से पीडि़त था। जिसका इलाज कराने जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार कर जगह के अभाव में घर जाने की सलाह दी। जबकि मासूम गंभीर हालत में था।
केस-दो
सखौंहा निवासी शांति देवी को रविवार की देर रात से उल्टी-दस्त हो रहा था। जिससे महिला गंभीर हालत में हो गई थी। सोमवार की सुबह उपचार कराने जिला अस्पताल पहुंची। जहां डाक्टरों ने दवा देकर उसकी छुट्टी कर दी।
डायरिया के लक्षण
– पतली दस्त होना।
– अंदर बुखार महसूस होना।
– शरीर में पानी की कमी।
– पेशाब में जलन होना।
– पेट में दर्द के साथ बार-बार मरोडऩा।
– उल्टी व दस्त होना।
– पतली दस्त होना।
– अंदर बुखार महसूस होना।
– शरीर में पानी की कमी।
– पेशाब में जलन होना।
– पेट में दर्द के साथ बार-बार मरोडऩा।
– उल्टी व दस्त होना।
ये करें उपाय:-
– पानी खूब पीएं।
– उल्टी दस्त होने पर चिकित्सक से जांच कराएं।
– नमक, चीनी, नींबू का घोल बनाकर बार-बार पीते रहे।
– ओआरएस का घोल बनाकर पीएं।
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– पानी खूब पीएं।
– उल्टी दस्त होने पर चिकित्सक से जांच कराएं।
– नमक, चीनी, नींबू का घोल बनाकर बार-बार पीते रहे।
– ओआरएस का घोल बनाकर पीएं।
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