scriptMP में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चे की मौत, बौखलाए परिजनों ने किया हंगामा | death of women and children after birth in Singrauli | Patrika News

MP में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चे की मौत, बौखलाए परिजनों ने किया हंगामा

locationसिंगरौलीPublished: Aug 12, 2018 05:22:48 pm

Submitted by:

suresh mishra

करामी स्वास्थ्य केन्द्र में हुआ था प्रसव, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप, डॉक्टरों ने बताई खून की कमी

death of women and children after birth in Singrauli

death of women and children after birth in Singrauli

सिंगरौली। जिला अस्पताल में शुक्रवार की रात पहले प्रसूता फिर कुछ ही देर बाद नवजात की मौत हो गई। जच्चा-बच्चे की मौत से बौखलाए परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जबकि, डॉक्टर प्रसूता की मौत खून की कमी से होना बता रहे हैं। दोहरी मौत से स्वास्थ्य अमला सकते में है। आनन-फानन वाहन की व्यवस्था कर शव को जिला अस्पताल से रवाना कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत अमहरा के केरवा टोला की प्रसूता सुशीला पति अमृतलाल यादव को शुक्रवार की सुबह प्रसव पीड़ा होने पर करामी उप स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती किया गया। शाम को उसने नवजात को जन्म दिया। उसके बाद से वह बेहोशी हालत में रही। नर्सों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां पहुंचने के आधे घंटे बाद ही उसने दम तोड़ दिया। वहीं कुछ देरबाद नवजात की भी मौत हो गई। बवाल से बचने अस्पताल प्रबंधन से दोनों शव तत्काल रवाना कर दिए।
टीकाकरण और पौष्टिक आहार से वंचित
परिजनों के मुताबिक केरवा टोला में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण और जांच कभी नहीं होती है।मालूम नहीं चल पाता है कि गर्भवती महिलाएं एनीमिक हैं। यही वजह है प्रसव के दौरान मौत हो रही है। परिजनों ने एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर आरोप लगाते हुये कहा है कि, आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्भवती और धात्री महिलाओं को पौष्टिक आहार नहीं मिलता है। कुपोषित गर्भवती महिलाएं तकलीफ बर्दाश्त नहीं कर पातीं। अक्सर एनीमिक महिलाओं की मौत हो जाती है।
दिखावा रह गये स्वास्थ्य केन्द्र
सरकार ने भले ही स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्र बनाएं हैं। लेकिन, उनमें न तो चिकित्सक हैं और न ही दवाएं। ऐसी परिस्थितियों में ग्रामीण अचंल के मरीज स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार के लिए जाते हैं तो उन्हें बिना उपचार वापस लौटना पड़ता है।
महीनेभर में तीन प्रसूताओं की मौत
केरवा टोला में महीनेभर के दौरान तीन प्रसूताओं की मौत हो चुकी है। पहली मौत 9 जुलाई को सविता पांडू पति रामनरेश पांडू की हुई। उसका बच्चा स्वस्थ्य है। दूसरी मौत 24 जुलाई को संगीता बसोर पति श्रवण बसोर की हुई थी। इसमें भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। इसके बाद शुक्रवार की रात सुशीला पति अमृतलाल यादव की मौत हो गर्ई।
महिला का प्रसव उप स्वास्थ्य केन्द्र करामी में कराया गया। प्रसूता को ब्लीडिंग होने लगी। काफी खून निकल गया। जिला अस्पताल पहुंचने के कुछ ही देरबाद प्रसूता ने दम तोड़ दिया।
डॉ. आरपी पटेल, सीएमएचओ सिंगरौली
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