शनिवार की सुबह से ही शुरू हुई रिमझिम बारिश ने जहां यह बयां कर दिया है कि मानसून ने दस्तक दे दी है। वहीं नगर निगम और लोक निर्माण विभाग की बरसात के मद्देनजर की गई तैयारी की भी पोल खोल दी है। अधिकारी जहां सडक़ों में बने बड़े-बड़े गड्ढों को दुरूस्त नहीं करा सके हैं।
वहीं नालों और नालियों की सफाई का कार्य भी अभी अधूरा है। अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि पहली बारिश में ही लोगों की फजीहत शुरू हो गई। यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में बरसात के पानी को घरों में घुसने से कोई नहीं रोक सकेगा।
अधीनस्थ अधिकारियों की लापरवाही
सडक़ चाहे बैढऩ मुख्य मार्ग की हो या फिर बिलौंजी और महापौर आवास के सामने की हो। उन पर बन गए बड़े-बड़े गड्ढों को दुरूस्त कराने की जरूरत पिछले कई महीनों से महसूस की जा रही है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते सडक़ों की मरम्मत का कार्य अधर में ही रह गया है।
सडक़ चाहे बैढऩ मुख्य मार्ग की हो या फिर बिलौंजी और महापौर आवास के सामने की हो। उन पर बन गए बड़े-बड़े गड्ढों को दुरूस्त कराने की जरूरत पिछले कई महीनों से महसूस की जा रही है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते सडक़ों की मरम्मत का कार्य अधर में ही रह गया है।
अधिकारी पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू होने का हवाला देते रहे। हुआ यूं कि सडक़ों को दुरूस्त कराना बाकी रह गया और बरसात का सीजन शुरू हो गया।
सफाई कर्मियों की कमी का दे रहे हवाला
अधिकारी नालों और नालियों की सफाई का कार्य पूरा नहीं होने के पीछे सफाई कर्मियों की कमी का हवाला दे रहे हैं। कहना है कि 45 वार्डों वाले नगर निगम को जरूरत 500 सफाई कर्मियों की है, लेकिन उपलब्ध 300 भी नहीं हैं।
अधिकारी नालों और नालियों की सफाई का कार्य पूरा नहीं होने के पीछे सफाई कर्मियों की कमी का हवाला दे रहे हैं। कहना है कि 45 वार्डों वाले नगर निगम को जरूरत 500 सफाई कर्मियों की है, लेकिन उपलब्ध 300 भी नहीं हैं।
जिससे नालियोंं की सफाई का कार्य पूरा करने में समय लग रहा है। हालांकि दावा यह भी है कि कार्य शुरू है और जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।यह बात और है कि आने वाले सप्ताह में जबरदस्त बारिश हो गई तो सारे दावे धरे रह जाएंगे और कई मोहल्ले तलैया बन जाएंगे।