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धड़ाम रियल एस्टेट की कमर अभी भी टेढ़ी, कैशलेस ट्रांजेक्शन में भी नहीं हो सका खास इजाफा

locationसिंगरौलीPublished: Nov 10, 2018 11:18:11 pm

Submitted by:

Anil kumar

कैश निकासी में प्रति ग्राहक केवल ११ हजार रुपए की आई कमी

Dhadam Real Estate's waist still not ready in cash, cashless transaction

Dhadam Real Estate’s waist still not ready in cash, cashless transaction

सिंगरौली. नोटबंदी को पूरे दो साल बीत जाने के बावजूद बाजार में इसका असर कायम है। तत्काल में प्रभावित रहा रियल एस्टेट आज तक उबर नहीं पाया है। नोटबंदी की वजह से धड़ाम हुआ रियल एस्टेट का कारोबार आज भी पूरी तरह से खड़ा नहीं हो पाया है। हालांकि ठप होने की स्थिति में पहुंच चुका कारोबार पिछले एक साल से चल पड़ा है, लेकिन खरीदार अभी भी उतने नहीं मिलते जितनी मांग पहले हुआ करती थी। दूसरी ओर नोटबंदी के दौरान शुरू किए गए डिजिटल ट्रांजेक्शन जैसी कवायद में भी लोगों कोई खास रुचि नहीं दिखाई है। यह बात और है कि पूर्व की तुलना में स्थिति बेहतर हुई है।
वैसे तो जिले में रियल एस्टेट का कारोबार पहले ही कमजोर रहा है। नोटबंदी ने थोड़ी बहुत जो उम्मीद भी रही उसे ढहा कर रख दिया। अभी भी कुछ ही लोग खुद के घर का सपना संजो पाते हैं। वजह नोटबंदी के बाद से कीमत में हुआ जबरदस्त इजाफा बना है। स्थानीय कारोबारियों की मानें तो ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले एक साल में स्थिति सामान्य हो जाएगी। पिछले दो वर्षों में कुछ एक को छोड़ दिया जाए तो जिले के किसी भी कारोबारी ने रियल एस्टेट में बहुत अधिक पूंजी नहीं लगाई है।

हर रोज चार करोड़ कैश की निकासी
एटीएम से कैश की निकासी पर गौर फरमाया जाए तो शहर के सभी एटीएम से हर रोज अभी भी पांच करोड़ रुपए की निकासी होती है, जबकि पहले सात से आठ करोड़ रुपए की निकासी होती रही है। अधिकारियों के मुताबिक एटीएम से कैश निकासी की यह स्थिति तब है, जबकि ज्यादातर एटीएम में पूरा कैश नहीं डाला जा रहा है। शायद सभी एटीएम में पूरे समय कैश उपलब्ध हो तो कैश की निकासी अधिक और डिजिटल ट्रांजेक्शन का आंकड़ा और कम हो जाए। अभी डिजिटल ट्रांजेक्शन मजबूरी में किया जा रहा है।
उम्मीद के अनुरूप नहीं बढ़ा डिजिटल ट्रांजेक्शन
बैंक अधिकारियों की मानें तो नोटबंदी के बाद से डिजिटल ट्रांजेक्शन में बढ़ोत्तरी तो हुई है, लेकिन बढ़ोत्तरी उम्मीद के अनुरूप नहीं रही है। डिजिटल ट्रांजेक्शन में हुई बढ़ोत्तरी से कैश की निकासी में अभी तक औसतन प्रति ग्राहक केवल ११ हजार रुपए की कमी आई है। पहले जहां हर महीने प्रति ग्राहक औसतन २४ हजार रुपए कैश की निकासी होती रही है। वहीं अब १३ हजार रुपए तक पहुंची है। इससे अनुमान लगाया गया कि अभी भी जिले के महज ३० फीसदी ही लोग ही डिजिटल ट्रांजेक्शन का सहारा ले रहे हैं।
नोटबंदी के बाद से डिजिटल ट्रांजेक्शन में बढ़ोत्तरी हुई है। साथ ही एटीएम से कैश की निकासी में भी कमी आई है। यह बात और है कि जितनी उम्मीद रही, उतनी संख्या में लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन नहीं कर रहे हैं। कम से कम औसत ५० फीसदी से अधिक होना चाहिए।- अमर सिंह, लीड बैंक प्रबंधक सिंगरौली
यह बात सच है कि रियल एस्टेट के कारोबार में नोटबंदी का बहुत अधिक असर रहा है। दो साल बाद भी प्रभाव पूरी तरह से खत्म हो गया है यह तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन धीरे-धीरे कारोबार पटरी पर लौट आया है। अब लोग जमीन व मकान खरीदने में फिर से रुचि लेने लगे हैं। – सतीश मिश्रा, कारोबारी रियल एस्टेट सिंगरौली
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