अधिकारियों की मानें तो 1.60 लाख हेक्टेयर में रबी की फसलों की बुआई हो चुकी है, जबकि बुआई का लक्ष्य 1.80 लाख हेक्टेयर तय किया गया था। तीन साल पहले ओलावृष्टि के चलते रबी की फसलें प्रभावित हुई थीं। मगर, बीते साल अच्छी पैदावार हुई थी।
बुआई का लक्ष्य लगभग पूरा इधर, लगातार बुआई का रकबा बढ़ाए जाने से उत्पादन भी बढ़ रहा है। इस बार रबी के सीजन में बुआई का लक्ष्य लगभग पूरा कर लिया गया है। ज्यादा रकबा में बुआई होने से बेहतर उत्पादन की आस बनी है। इस साल अच्छी पैदावार होने के आसार हैं।
बुआई का रकबा लगभग 10 प्रतिशत बढ़ा क्योंकि बीते साल से बुआई का रकबा लगभग 10 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि बुआई का तय लक्ष्य दिसम्बर के अंत तक पूरा हो चुका है। विभाग की मानें तो गेहू, चना, अरहर, सरसों आदि की फसलें अभी अच्छी हैं। रबी की बुआई नवम्बर से ही शुरू हो जाती है,जो जनवरी के प्रथम सप्ताह तक चलती है।
स्प्रिंकलर विधि से करें सिंचाई
उपसंचालक कृषि आशीष पाण्डेय ने बताया कि उन्नत किस्म के बीज किसानों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। ये ऐसे बीज हैं, जिन्हें कम पानी की जरूरत होती है। इसी के साथ ही बोआई का रकबा भी हर साल बढ़ रहा है। इसीलिए उत्पादन और उत्पादकता पर असर पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन हैं, वे स्प्रिंकल विधि से सिंचाई करें। इस विधि से सिंचाई करने में कम पानी खर्च होता है। करीब चार साल पहले 1.20 लाख हेक्टेयर में रबी की बोआई की जाती थी। रकबा बढऩे से पैदावार पर असर पड़ रहा है।
सर्वाधिक क्षेत्र में गेहूं की बुआई
– फसल रकबा हेक्टेयर में
– गेहूं- 39 हजार
– चना 28 हजार
– अरहर 50 हजार
– मसूर 8 हजार
– राई/सरसों 20 हजार
– मक्का 11 हजार रबी सीजन में बोआई का प्रस्तावित लक्ष्य 1.80 हेक्टेयर था। जिसमें 1.60 लाख हेक्टेयर रकबा में बुआई हो चुकी है। इस तरह से लक्ष्य से थोड़ी कम बुआई हुई है। अगर, बेमौसत बारिश और ओलावृटि नहीं हुई तो उत्पादन अच्छा होगा।
आशीष पाण्डेय, उपसंचालक कृषि सिंगरौली