सिंगरौली जिले की बिलौजी चौराहे के पास फल का ठेला लगाने वाले दिव्यांग मुकेश, निलेश, अरुणेष जैसे तमाम लोगों का कारोबार कोरोना संक्रमण काल के शुरूआती दौर में लागू लॉकडाउन के दौरान बंद हो गया था। मुकेश की बात करें तो वह सिंगरौली में किराये के मकान में अपनी मां और बिमार पिता के साथ रहते थे। लॉकडाउन के चलते कारोबार बंद होने से घर खर्च चला पाना मुश्किल हो गया था। साथ ही पिता की बिमारी का इलाज व दवा आदि का इंतजाम करना मुश्किल हो गया था। मकान किराया भी नहीं दे पा रहे थे। लेकिन केंद्र सरकार के स्तर से स्ट्रीट वेंडर के लिए लागू आत्मनिर्भर निधि योजना के जरिए ऋण हासिल कर मुकेश का जीवन फिर से पटरी पर आ गया है।
योजना के तहत पंजीयन कराने के बाद मुकेश को बैक से 10 हजार रुपये का ऋण मिला। इससे वह फिर से फल का ठेला लगाने लगे हैं। मुकेश बताते हैं कि इस राशि से उन्होंने अपना व्यवसाय बढ़ाया। अब फिर से जीवन पटरी पर लौटने लगा है। अब वह प्रतिदिन 300-400 सौ रूपये कमा लेते हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहते हैं कि यह योजना हम जैसे पथ व्यवसायियों के लिए वरदान है। इससे हम अपना व्यवसाय सुदृढ़ कर पाने में सक्षम हो पा रहे हैं।