जिला अस्पताल के अधिकारियों की माने तो वर्तमान में वहां केवल 20 तरह की जांच ही संभव हो पा रही है। लैब टेक्नीशियन डॉ. एनके जैन के मुताबिक जिला अस्पताल में मौजूदा वक्त में एक्स-रे, मलेरिया, एचआईवी, टीवी, हैप्पेटाइटिस, हिमोग्लोबिन, ब्ल्डगु्रप, यूरिन, आरएम, सीरम, फील्ड, रूबीन, पीबीसी, यूरिन प्रेग्नेंसी, सीमन, एनॉलिटिक, पीआरपी, मोनोटेक शुगर व ब्लड प्रेशर की जांच शामिल हैं। जबकि राज्य स्वास्थ्य आयोग के निर्देशानुसार अस्पताल में 48 तरह की नि:शुल्क जांच की जानी चाहिए।
सीएससी व पीएससी के हाल और भी खराब
जिले में 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जबकि 15 सीएससी केन्द्र संचालित हो रहे हैं। इसमें से किसी भी केन्द्र पर सभी प्रकार की 48 जांचों का काम शुरू नहीं हो पाया है। खुटार, बरगवांं, देवसर, चितरंगी, मोरवा, निवास, सरई में 10 से 12 जांच ही हो पा रही हैं।
जिले में 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जबकि 15 सीएससी केन्द्र संचालित हो रहे हैं। इसमें से किसी भी केन्द्र पर सभी प्रकार की 48 जांचों का काम शुरू नहीं हो पाया है। खुटार, बरगवांं, देवसर, चितरंगी, मोरवा, निवास, सरई में 10 से 12 जांच ही हो पा रही हैं।
प्राइवेट सेंटर से करा रहे गंभीर जांच
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक जिला अस्पताल में उपचार के लिए आ रहे मरीजों को सुविधाएं तो मिल रही हैं। लेकिन गंभीर जांच कराने के लिए मरीजों को प्राइवेट सेंटरों में जाना पड़ रहा है। बताया है कि अस्पताल में थायराइड की जांच नहीं होती है। इसके लिए मरीजों को रूपए खर्च करने पड़ते हैं। वहीं हार्मोंस से संबंधित सभी जांचें बाहर से करानी पड़ रही है।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक जिला अस्पताल में उपचार के लिए आ रहे मरीजों को सुविधाएं तो मिल रही हैं। लेकिन गंभीर जांच कराने के लिए मरीजों को प्राइवेट सेंटरों में जाना पड़ रहा है। बताया है कि अस्पताल में थायराइड की जांच नहीं होती है। इसके लिए मरीजों को रूपए खर्च करने पड़ते हैं। वहीं हार्मोंस से संबंधित सभी जांचें बाहर से करानी पड़ रही है।
क्या आ रही हैं समस्याएं
– जिला अस्पताल में लैब टेक्नीशियन स्टाफ की कमी है।
– तीन कर्मचारियों का काम एक कर्मचारी ही देख रहा है।
– वहीं एक्सरे मशीन पर भी तीन की जगह दो कर्मचारी लगे हुए हैं।
– जिला अस्पताल में लैब टेक्नीशियन स्टाफ की कमी है।
– तीन कर्मचारियों का काम एक कर्मचारी ही देख रहा है।
– वहीं एक्सरे मशीन पर भी तीन की जगह दो कर्मचारी लगे हुए हैं।
नहीं मिल रही सुविधा
केस-एक
मलगा निवासी रामप्रताप अपने बच्चे को लेकर इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचा। अस्पताल में जो जांचें संभव हैं वो भी नहीं हो रही हैं। बल्कि डाक्टर बाहर से जांच कराने की सलाह दे रहे हैं।
केस-एक
मलगा निवासी रामप्रताप अपने बच्चे को लेकर इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचा। अस्पताल में जो जांचें संभव हैं वो भी नहीं हो रही हैं। बल्कि डाक्टर बाहर से जांच कराने की सलाह दे रहे हैं।
केस-दो
मकरोहर निवासी शांति देवी ने बताया कि चार दिन से बुखार आ रही है। बुधवार को जिला अस्पताल में इलाज करा लिया है। डॉक्टर बाहर से जांच कराने के लिए बोले हैं। डाक्टर ने मरीज को जांच लिखा था वह यहां नहीं हो पाएगा।
मकरोहर निवासी शांति देवी ने बताया कि चार दिन से बुखार आ रही है। बुधवार को जिला अस्पताल में इलाज करा लिया है। डॉक्टर बाहर से जांच कराने के लिए बोले हैं। डाक्टर ने मरीज को जांच लिखा था वह यहां नहीं हो पाएगा।