बारिश के बाद निकल रहे तेज धूप के चलते डायरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। उल्टी-दस्त के मरीजों से जिला अस्पताल पटा है। उमसभरी गर्मी ने वार्ड में भर्ती मरीजों का सुकून छीन लिया है। इस गर्मी से मरीज बिलबिला रहे हैं। इसके लिए प्रबंधन कोई ठोस इंतजाम नहीं कर पा रहा है।
ये है मामला
बताते चलें कि बीते एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के बाद तेज धूप निकल रही है। इससे शहर सहित ग्रामीण अंचल के लोग उल्टी दस्त से पीडि़त हो रहे हैं। हैरत तो यह है कि इससे पहले डायरिया से कई मरीजों की मौतें हो चुकी हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य महकमा गंभीर नहीं हो रहा है। यह स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही नहीं तो और क्या हो सकती है।
बताते चलें कि बीते एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के बाद तेज धूप निकल रही है। इससे शहर सहित ग्रामीण अंचल के लोग उल्टी दस्त से पीडि़त हो रहे हैं। हैरत तो यह है कि इससे पहले डायरिया से कई मरीजों की मौतें हो चुकी हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य महकमा गंभीर नहीं हो रहा है। यह स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही नहीं तो और क्या हो सकती है।
उमस भरी गर्मी से बेहाल बतादें कि जिला अस्पताल के वार्ड में सोमवार को पत्रिका ने मरीजों की स्थिति जानी। जहां मरीज उमसभरी गर्मी से बेहाल रहे। कोई बाहर निकलकर गर्मी से राहत ले रहा है तो कोई वार्ड में कूलर पंखा के सामने बैठकर। यह नजारा जिला अस्पताल के वार्ड की है। जहां मरीजों को उमसभरी गर्मी से जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
ग्रामीण अंचल से पहुंच रहे मरीज
बता दें कि इन दिनों जिला अस्पताल में वार्ड का नजारा देखते बनता है। जहां अधिकांश जिले के ग्रामीण अंचल से उल्टी-दस्त के मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। मरीजों को उपचार मिलना तो दूर, उन्हें गर्मी से राहत के लिए कोई इंतजाम भी नहीं है, जिससे मरीजों को आफत से गुजरना पड़ रहा है। यहां तक कि सुविधाएं नहीं मिलने पर मरीज छुट्टियां कराकर घर निकल जा रहे हैं। इससे उनका इलाज भी अधूरा हो रहा है।
बता दें कि इन दिनों जिला अस्पताल में वार्ड का नजारा देखते बनता है। जहां अधिकांश जिले के ग्रामीण अंचल से उल्टी-दस्त के मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। मरीजों को उपचार मिलना तो दूर, उन्हें गर्मी से राहत के लिए कोई इंतजाम भी नहीं है, जिससे मरीजों को आफत से गुजरना पड़ रहा है। यहां तक कि सुविधाएं नहीं मिलने पर मरीज छुट्टियां कराकर घर निकल जा रहे हैं। इससे उनका इलाज भी अधूरा हो रहा है।
मरीजों ने बयां किया दर्द
वार्ड में भर्ती मरीजों में नन्दलाल ने बताया कि मैं तीन दिन से जिला अस्पताल में भर्ती हूं, यहां उमसभरी गर्मी से बेहाल हो गया हूं। उपचार तो नहीं मिल रहा है। मगर, गर्मी से भी राहत नहीं मिल पा रही है। वहीं मकरोहर निवासी रावेन्द्र ने बताया कि उल्टी-दस्त और बुखार के चलते जिला अस्पताल में एक सप्ताह से भर्ती हूं। जब से भर्ती हुआ हूं। तब से एक भी डाक्टर वार्ड में मरीजों की हालत जानने नहीं आये हैं। इससे स्वास्थ्य ठीक नहीं हो रहा है। दूसरे उमसभरी गर्मी ने चैन छीन लिया है।
वार्ड में भर्ती मरीजों में नन्दलाल ने बताया कि मैं तीन दिन से जिला अस्पताल में भर्ती हूं, यहां उमसभरी गर्मी से बेहाल हो गया हूं। उपचार तो नहीं मिल रहा है। मगर, गर्मी से भी राहत नहीं मिल पा रही है। वहीं मकरोहर निवासी रावेन्द्र ने बताया कि उल्टी-दस्त और बुखार के चलते जिला अस्पताल में एक सप्ताह से भर्ती हूं। जब से भर्ती हुआ हूं। तब से एक भी डाक्टर वार्ड में मरीजों की हालत जानने नहीं आये हैं। इससे स्वास्थ्य ठीक नहीं हो रहा है। दूसरे उमसभरी गर्मी ने चैन छीन लिया है।