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बीएलओ कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाने एमएचआरडी एवं चुनाव आयोग के बीच चल रही बात

locationसिंगरौलीPublished: Jul 24, 2018 03:39:42 pm

Submitted by:

Vedmani Dwivedi

मानव संसाधन विकास मंत्रालय से सिंगरौली के दौरे पर आईं गौरी कालरा ने स्कूलों का किया निरीक्षण, शौचालय एवं साफ – सफाई पर जताया संतोष

do not impose the duty of teachers in blo work

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सिंगरौली. मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली से नीति आयोग की सलाहकार के तौर पर रविवार को सिंगरौली पहुंची गौरी कलारा ने कहा कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिए जाने मानव संसाधन विकास मंत्रालय प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एमएचआरडी एवं चुनाव आयोग की बीच बात चल रही है। जिससे शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त रखा जाए। कहा कि इस पहल के सार्थक परिणाम निकलने की संभावना है। जिला पंचायत में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में एक स्कूल प्राचार्य के प्रश्न के जवाब में कालरा ने यह बात कही। स्कूल प्राचार्य ने बताया कि बीएलओ कार्य के बहाने शिक्षक स्कूल नहीं आते। जिससे अध्यापन कार्य प्रभावित होता है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी रोहिणी पाण्डेय ने कलेक्टर के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जिन शिक्षकों की बीएलओ कार्य में ड्यूटी लगी है वे दोपहर १ बजे के बाद ही बीएलओ से संबंधित कार्य करेंगे। इससे पहले वे स्कूल में अध्यापन का कार्य करेंगे। समीक्षा बैठक में राष्टीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के प्रभारी डॉ. पीएन सिंह, डीपीसी एसके त्रिपाठी, राजेन्द्र धर द्विवेदी जिले के तीनो बीईओ, बीआरसी एवं उत्कृष्ट विद्यालयों के स्कूल प्राचार्य मौजूद रहे।
मानदेय बढ़ानें की सिफारिस करेंगे
स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। कई स्कूल ऐसी हैं जहां शिक्षक नहीं है। कुछ स्कूल ऐसी हैं जहां महज एक शिक्षक हैं। इन स्कूलों में अध्यापन कार्य अतिथि शिक्षकों से कराया जाता है। लेकिन उन्हें मानदेय बहुत कम दिया जाता है। प्राथमिक में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को २५००, माध्यमिक में ३५०० एवं हाइ हायर सेकण्डरी स्कूल में ४५०० रुपए मानदेय दिया जाता है। इतने कम रुपए में कोई कोई पढ़ाने को तैयार नहीं होता । जिसकी वजह से अतिथि शिक्षक भी नहीं मिलते। ऐसे अतिथि शिक्षक आते हैं जो बच्चों को पढ़ा नहीं पाते। इस बात पर गोरी कालरा ने राज्य सरकार से मानदेय बढ़ाने की सिफारिस करने का भरोसा दिलाया है।
एलूमिनाई मीट कराएं
स्कूलों में एलूमिनाई मीट कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल के पुराने छात्रों को बुलाकर बच्चों के बीच उनकेे अनुभवों को साझा करें। कभी – कभी उनसे अध्यापक कार्य भी कराएं। जिससे बच्चों को प्रेरणा मिले। इसके साथ ही जिले के निजी एवं शासकीय अधिकारियो कर्मचारियों से भी इस संबंध में सहयोग लें। ऐसे लोग जो सहयोग के रूप में बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं उनका सहयोग लिया जा सकता है।
शौचालय व्यवस्था को लेकर जताया संतोष
जिले के दर्जन भर स्कूलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्कूल प्राचार्यों एवं शिक्षकों को सुझाव दिया एवं बच्चों से बात की। बैढऩ में कन्या हायर सेकंडरी स्कूल बैढऩ, प्राथमिक एवं माध्यमिक कन्या विद्यालय बैढऩ, हाई स्कूल गोंदवाली, शा.प्रा.विद्या. बरगवां, माध्यमिक विद्यालय बरगवां, हायर सेकंडरी बरगवां एवं बलियरी छात्रावास का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कन्या प्राथमिक विद्यालय बैढऩ में अव्यवस्था को लेकर प्राचार्य को फटकार लगाई। जबकि अन्य स्कूलों में ठीक – ठाक व्यवस्था पर संतोष जताया। शौचालय एवं साफ – सफाई को लेकर खुशी जाहिर की।
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