स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। कई स्कूल ऐसी हैं जहां शिक्षक नहीं है। कुछ स्कूल ऐसी हैं जहां महज एक शिक्षक हैं। इन स्कूलों में अध्यापन कार्य अतिथि शिक्षकों से कराया जाता है। लेकिन उन्हें मानदेय बहुत कम दिया जाता है। प्राथमिक में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को २५००, माध्यमिक में ३५०० एवं हाइ हायर सेकण्डरी स्कूल में ४५०० रुपए मानदेय दिया जाता है। इतने कम रुपए में कोई कोई पढ़ाने को तैयार नहीं होता । जिसकी वजह से अतिथि शिक्षक भी नहीं मिलते। ऐसे अतिथि शिक्षक आते हैं जो बच्चों को पढ़ा नहीं पाते। इस बात पर गोरी कालरा ने राज्य सरकार से मानदेय बढ़ाने की सिफारिस करने का भरोसा दिलाया है।
स्कूलों में एलूमिनाई मीट कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल के पुराने छात्रों को बुलाकर बच्चों के बीच उनकेे अनुभवों को साझा करें। कभी – कभी उनसे अध्यापक कार्य भी कराएं। जिससे बच्चों को प्रेरणा मिले। इसके साथ ही जिले के निजी एवं शासकीय अधिकारियो कर्मचारियों से भी इस संबंध में सहयोग लें। ऐसे लोग जो सहयोग के रूप में बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं उनका सहयोग लिया जा सकता है।
जिले के दर्जन भर स्कूलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्कूल प्राचार्यों एवं शिक्षकों को सुझाव दिया एवं बच्चों से बात की। बैढऩ में कन्या हायर सेकंडरी स्कूल बैढऩ, प्राथमिक एवं माध्यमिक कन्या विद्यालय बैढऩ, हाई स्कूल गोंदवाली, शा.प्रा.विद्या. बरगवां, माध्यमिक विद्यालय बरगवां, हायर सेकंडरी बरगवां एवं बलियरी छात्रावास का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कन्या प्राथमिक विद्यालय बैढऩ में अव्यवस्था को लेकर प्राचार्य को फटकार लगाई। जबकि अन्य स्कूलों में ठीक – ठाक व्यवस्था पर संतोष जताया। शौचालय एवं साफ – सफाई को लेकर खुशी जाहिर की।