किल कोरोना अभियान के तहत शुरू घर-घर सर्वे में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। किसी घर में अस्वस्थ लोगों की जानकारी पड़ोसी से मिल रही है। संबंधित घर वाले बीमारी पर पर्दा डाल रहे हैं। ग्रामीण अंचल में सर्वे के कार्य में लगी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि घर में कोई बीमार तो नहीं है, इस प्रश्न के जवाब में अक्सर यही सुनने को मिलता है कि नहीं।
यही वजह है कि अब सर्वे टीम को हर घर में पड़ोसियों के बारे में भी पूछना पड़ रहा है। क्योंकि अपने घर में बीमारी की स्थिति पर पर्दा डालने वाले पड़ोसी के बारे में सही जानकारी दे देते हैं। फिलहाल इन सबके बीच अभियान का काफी हद तक उद्देश्य पूरा होता दिख रहा है। मजबूरी में ही सही लोग कोरोना की जांच कराने सेंपल देते फीवर क्लीनिकों पर पहुंचने लगे हैं।
बनाए गए हैं 20 फीवर क्लीनिक
कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य महकमे ने जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा फीवर क्लीनिक में भी व्यवस्था बनाई है। जिले में शहर से लेकर गांव तक कुल 20 फीवर क्लीनिक खोले गए हैं। जहां कोरोना संक्रमण की जांच के लिए सेंपल एकत्र किए जाते हैं। संदिग्ध होने की अवस्था में मरीजों को वहां से दवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
बढ़ गई सेंपलिंग की संख्या
जिले में इस समय पिछले कई दिनों से कोरोना जांच के लिए 1000 या इससे अधिक सेंपल लिए जा रहे हैं। यह संख्या जनसंख्या तुलना में प्रदेश के कई जिलों से अधिक है। जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य महकमे को हर रोज कम से कम एक हजार संदिग्ध मरीजों की सेंपलिंग करने का लक्ष्य दिया गया है। गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से सेंपलिंग 900 से अधिक है।