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जिले में बारिश न होने से किसानों ने फसल की सिंचाई के लिए मांगा पानी

locationसिंगरौलीPublished: Sep 16, 2018 11:58:23 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

काचन सिंचाई परियोजना: दिन के बढ़े हुए तापमान से झुलसने लगी धान की फसल

Due to lack of rain farmer demanded water for crops by irrigation dept

Due to lack of rain farmer demanded water for crops by irrigation dept

सिंगरौली. जिले मेंं पिछले एक सप्ताह से वर्षा थमी है। बादल छाते हैं, मगर बारिश नहीं होती। दिन का तापमान भी बढ़ रहा है। एक सप्ताह से तेज धूप के कारण दोपहर का अधिकतम तापमान झुलसाने के स्तर तक पहुंच रहा है। वर्षा नहीं होने व तापमान की अधिकता के कारण चावल की फसल पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। कई घंटे तेज धूप के कारण फसल झुलसने लगी है। जिससेे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
किसानों की बढ़ी चिंता
बताया गया कि, दिन में अधिक गर्मी से रोपी गई धान का पानी सूख गया है। इसलिए, फसल को पहली सिंचाई के लिए तत्काल पानी की जरूरत है। किसानों का मत है कि, जल्द ही सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला तो फसल झुलसकर खराब हो जाएगी। किसानों की आस बांध से सिंचाई के लिए पहला पानी मिलने पर टिकी है।
काचन सिंचाई परियोजना
फसल बचाने के लिए काचन परियोजना के किसानों ने पहली सिंचाई के लिए पानी मांगा है। काचन सिंचाई परियोजना के किसानों ने शुक्रवार व शनिवार को स्थानीय जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया। फसल को झुलसने से बचाने के लिए बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने का आग्रह किया गया। अभी काचन परियोजना के बिहरा व पिपरा क्षेत्र के किसानों ने ही सिंचाई के लिए पानी की मांग की है।
बांध में पानी की स्थिति संतोषजनक
एक-दो दिन में वर्षा नहीं होती है तो परियोजना के शेष क्षेत्र के किसान भी सिंचाई के लिए पानी की मांग करेंगे। मांग तेज होने पर विभाग की ओर से जल उपभोक्ता संघों के पदाधिकारियों व सदस्यों की राय लेकर बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने का निर्णय किया जाएगा। इस बीच जल संसाधन विभाग भी मौसम के रुख से चिंता में है। कारण बांध में पानी की स्थिति संतोषजनक नहीं होना है।
मात्र 50 प्रतिशत जल भंडारण
जल संसाधन विभाग के अनुसार मानसून की अबतक की वर्षा के बाद भी काचन बांध में पर्याप्त मात्रा में जल संग्रह नहीं हो पाया है। पानी का लेवल 1124.3 फीट तक ही है जो कुल क्षमता का 50 प्रतिशत है। बांध में जल संग्रह की यही स्थिति जल संसाधन विभाग की चिंता का कारण है। जबकि इस सीजन मेें चावल की फसल को पकाई तक के लिए बांध से पानी की मांग पूरी कर पाना चुनौतीपूर्ण होगा।

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