scriptएनसीएल के खिलाफ कर्मियों में फूटा आक्रोश, जानिए वजह | Employees against NCL in Singrauli protect for demands | Patrika News

एनसीएल के खिलाफ कर्मियों में फूटा आक्रोश, जानिए वजह

locationसिंगरौलीPublished: Nov 21, 2020 11:16:47 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

4 दिसंबर को मुख्यालय पहुंचेंगे कर्मचारी ….

Employees against NCL in Singrauli demonstrated to meet demands

Employees against NCL in Singrauli demonstrated to meet demands

सिंगरौली. एनसीएल से कर्मचारियों को 01 प्रतिशत लाभांश देने की मांग को लेकर कोल इंडिया आइटीआइ एंपलाइज एसोसिएशन (सीटिया) का तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन शनिवार को समाप्त हो गया। यह बात और रही कि कंपनी प्रबंधन ने लाभांश देने की हामी नहीं भरी। विभिन्न परियोजनाओं में तीन दिनों तक धरना पर सीटिया पदाधिकारियों ने निर्णय लिया कि वह मांगों को लेकर अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
अगले चरण में एसोसिएशन की ओर से 04 दिसंबर को एनसीएल मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी कंपनी प्रबंधन ने लाभांश देने की घोषणा नहीं की तो आगे उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। एनसीएल की समस्त परियोजना में सीटिया के पदाधिकारियों व सदस्यों ने धरना प्रदर्शन के बाद इकाइयों के महाप्रबंधकों को एनसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा।
सीटिया के तत्वाधान में चलने वाले क्रमिक आंदोलन के तीसरे और आखिरी दिन 4 दिसंबर को मुख्यालय में धरना प्रदर्शन की योजना बनाई गई। एनसीएल जोन के महामंत्री बीके पटेल ने बताया की संघ द्वारा दो बार पत्र लिखने के बाद भी प्रबंधन की ओर से किसी भी प्रकार की सूचना का आदान-प्रदान संघ के साथ नहीं किया गया।
इसलिए संघ को मजबूर होकर आंदोलनात्मक कार्यक्रम का रास्ता अपनाना पड़ा। जिसके तहत 19 से 21 नवंबर तक क्षेत्र में सभी वर्ग के कर्मियों ने इस आंदोलन में भाग लेकर प्रबंधन तक संदेश पहुंचाने का कार्य किया। महामंत्री ने कहा कि खेद जनक बात यह है कि अभी तक प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं किया गया। इसको लेकर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
संघ के केंद्रीय महासचिव अजय शंकर ने ज्ञापन के दौरान दुधीचुआं में कहा कि कोल इंडिया के 10वें वेतन समझौते में प्रेरणा और मनोबल को ऊंचा रखने के लिए मौजूदा लाभ के साथ पारितोषिक जारी रखने का प्रावधान पूर्ववत रखा है। इसके तहत विगत वर्षों में एक प्रतिशत लाभांश कर्मियों में वितरित किया जाता रहा है, जिसे अब रोक दिया गया है। सभी पदाधिकारियों ने मांग पूरी नहीं होने पर 04 दिसंबर को फिर से मुख्यालय में प्रदर्शन का निर्णय लिया और इससे संबंधित ज्ञापन सौंपा।
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