जनता की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि प्रदूषित पर्यावरण से लोग तमाम तरह की बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। बेहतर होगा कि सभी कंपनियां अपने-अपने स्तर पर प्रदूषण को खत्म करने का त्वरित प्रयास करें। प्रदूषण नियंत्रण की कवायद को केवल बातों और प्रक्रिया में नहीं उलझाएं। बैठक में उनकी ओर से कंपनियों को सीएसआर के उचित प्रयोग का तरीका भी बताया गया।
सुझाव में मंत्री ने कहा कि ऊर्जाधानी स्वच्छ पर्यावरणीय स्थल के रूप में भी जानी जाती है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण एवं संवद्र्धन के साथ इसे प्रदूषित होने से बचाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। कंपनियों को इस क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोत्तरी करना चाहिए। आधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल के लिए मेडिकल कॉलेज का यहां होना अति आवश्यक है। अधोसंरचना को विकसित करने व विकास को और गति प्रदान करने के लिए यहां एयरपोर्ट भी होना चाहिए।प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। कंपनियों को भी इस बारे में सोचना होगा।
बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री कमलेश्वर पटेल के अलावा संभाग के आयुक्त डॉ. अशोक कुमार भार्गव, कलेक्टर केव्हीएस चौधरी, पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऋतुराज, विंध्याचल के कार्यकारी निदेशक देवाशीष सेन, मप्र प्रदूषण बोर्ड के सदस्य आरएस कोरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप शेन्डे, निगमायुक्त शिवेंद्र सिंह, एसडीएम ऋषि पवार, विकास सिंह सहित एनसीएल व एनटीपीसी सहित अन्य औद्योगिक कंपनियों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
स्थानीय लोगों के लिए 70 प्रतिशत रोजगार करें आरक्षित
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री कमलेश्वर पटेल ने भी कंपनियों को कई हिदायत दी। उन्होंने कहा कि कंपनियां जितनी जल्दी हो सके रिक्त पदों में 70 फीसदी पद स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करें। जिले में उद्योग स्थापित होने का लाभ स्थानीय युवाओं को नहीं मिल रहा है। पंचायत मंत्री ने कलेक्टर से कहा कि वह कंपनियों को जल्द से जल्द रोजगार देने के लिए निर्देशित करें।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री कमलेश्वर पटेल ने भी कंपनियों को कई हिदायत दी। उन्होंने कहा कि कंपनियां जितनी जल्दी हो सके रिक्त पदों में 70 फीसदी पद स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करें। जिले में उद्योग स्थापित होने का लाभ स्थानीय युवाओं को नहीं मिल रहा है। पंचायत मंत्री ने कलेक्टर से कहा कि वह कंपनियों को जल्द से जल्द रोजगार देने के लिए निर्देशित करें।