अभी तक विभाग ने निगरानी के लिए जांच दल का गठन तक नहीं किया है और न ही किसी को जिम्मेदारी दी है। यह हाल तब है, जबकि हर वर्ष धोखाधड़ी के मामले प्रकाश में आते हैं। कृषि विभाग के अधिकारी वैसे तो यह दलील दे रहे हैं कि बीज विक्रेताओं द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे बीज की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए मैदानी अमले को निर्देशित किया गया है।
हकीकत यही है कि अभी तक मैदानी अमला विभागीय निर्देश का इंतजार कर रहा है। एसएडीओ स्तर के कृषि अधिकारियों का कहना है कि भी उन्हें जांच शुरू करने की अनुमति मिलने का इंतजार है। बिना निर्देश जांच शुरू करने पर विपरीत स्थिति में समस्या उत्पन्न हो सकती है। गौरतलब है कि व्यापारियों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले बीज की गुणवत्ता की जांच के लिए एक साथ कई अधिकारियों का दल सक्रिय होता है।
चमचमाती पैकिंग में बेच रहे सामान्य बीज
इधर, बाजार से जुड़े सूत्रों की माने तो जिला मुख्यालय से दूर ग्रामीण अंचल में बीज विक्रेताओं की ओर से गोलमाल शुरू कर दिया गया है। उन्नत किस्म के धान के बीज के साथ स्थानीय स्तर पर चमचमाती बोरी में पैक किया गया सामान्य बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। भोले-भाले किसान सामान्य और उन्नत किस्म के बीच में अंतर कर पाने में असमर्थ साबित हो रहे हैं और धोखाधड़ी का शिकार बन रहे हैं।
इधर, बाजार से जुड़े सूत्रों की माने तो जिला मुख्यालय से दूर ग्रामीण अंचल में बीज विक्रेताओं की ओर से गोलमाल शुरू कर दिया गया है। उन्नत किस्म के धान के बीज के साथ स्थानीय स्तर पर चमचमाती बोरी में पैक किया गया सामान्य बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। भोले-भाले किसान सामान्य और उन्नत किस्म के बीच में अंतर कर पाने में असमर्थ साबित हो रहे हैं और धोखाधड़ी का शिकार बन रहे हैं।
सामने आती है व्यापारियों की धोखाधड़ी
भोले-भाले किसानों को उन्नत किस्म के नाम घटिया व अमानक बीज देने का मामला हर वर्ष प्रकाश में आता है। विभाग द्वारा एकत्र किए जाने वाले नमूने एक ओर जहां अमानक पाए जाते हैं। वहीं दूसरी बीज का खेत में सही तरीके से अंकुरण व उत्पादन नहीं होता है। व्यापारी से किसान को घटिया बीज मिला, इस बात की जानकारी किसान को तब होता है, जब खेत में बीज का सही परिणाम देखने को नहीं मिलता है।
भोले-भाले किसानों को उन्नत किस्म के नाम घटिया व अमानक बीज देने का मामला हर वर्ष प्रकाश में आता है। विभाग द्वारा एकत्र किए जाने वाले नमूने एक ओर जहां अमानक पाए जाते हैं। वहीं दूसरी बीज का खेत में सही तरीके से अंकुरण व उत्पादन नहीं होता है। व्यापारी से किसान को घटिया बीज मिला, इस बात की जानकारी किसान को तब होता है, जब खेत में बीज का सही परिणाम देखने को नहीं मिलता है।