कम पानी से मिलेगा अधिक उत्पादन
उप संचालक पांडेय ने बताया कि श्री विधि से रोपाई पर प्रति हेक्टेयर छह से आठ किलो बीज की जरूरत होती है। इसे विशेष तरह की प्लेट या पॉलीथिन में नर्सरी लगाकर तैयार किया जा सकता है। किसान इसके लिए 10 मीटर लंबी व पांच सेंटीमीटर ऊंची क्यारी बनाए। इसमें 50 किलो नाडेप या गोबर की खाद मिलाकर बीज की बोनी करे। इससे पहले बीज को थाईरम दवा से उपचारित कर हर क्यारी में 120 ग्राम बीज की बोनी करें। इसे ढककर हल्की सिंचाई करें। धान रोपाई के लिए गहरी जुताई कर खेत में खरपतवार नष्ट करें। पर्याप्त पानी देकर रोपाई के लिए खेत तैयार करें।
उप संचालक पांडेय ने बताया कि श्री विधि से रोपाई पर प्रति हेक्टेयर छह से आठ किलो बीज की जरूरत होती है। इसे विशेष तरह की प्लेट या पॉलीथिन में नर्सरी लगाकर तैयार किया जा सकता है। किसान इसके लिए 10 मीटर लंबी व पांच सेंटीमीटर ऊंची क्यारी बनाए। इसमें 50 किलो नाडेप या गोबर की खाद मिलाकर बीज की बोनी करे। इससे पहले बीज को थाईरम दवा से उपचारित कर हर क्यारी में 120 ग्राम बीज की बोनी करें। इसे ढककर हल्की सिंचाई करें। धान रोपाई के लिए गहरी जुताई कर खेत में खरपतवार नष्ट करें। पर्याप्त पानी देकर रोपाई के लिए खेत तैयार करें।
धान की खेतों में ऐसे करें रोपाई
इसमें नर्सरी में तैयार धान के 15 से 21 दिन के पौधे रोपित करें। इसके बाद खेत में मार्कर हल से 20-20 सेंटीमीटर दूरी पर निशान बनाकर वहां धान का केवल एक पौधा रोपित करना चाहिए। धान रोपित करने के 15 दिन बाद कम मात्रा में यूरिया का छिड़काव किया जा सकता है। इस विधि से धान लगाने पर खेत में पानी भरने की जरूरत नहीं होगी पर खेत में नमी की व्यवस्था करनी चाहिए। पौधों में वृद्धि के समय खेत को दो.तीन दिन सूखा छोड़ देना चाहिए। इसके बाद पुनरू हल्की सिंचाई करनी चाहिए।
इसमें नर्सरी में तैयार धान के 15 से 21 दिन के पौधे रोपित करें। इसके बाद खेत में मार्कर हल से 20-20 सेंटीमीटर दूरी पर निशान बनाकर वहां धान का केवल एक पौधा रोपित करना चाहिए। धान रोपित करने के 15 दिन बाद कम मात्रा में यूरिया का छिड़काव किया जा सकता है। इस विधि से धान लगाने पर खेत में पानी भरने की जरूरत नहीं होगी पर खेत में नमी की व्यवस्था करनी चाहिए। पौधों में वृद्धि के समय खेत को दो.तीन दिन सूखा छोड़ देना चाहिए। इसके बाद पुनरू हल्की सिंचाई करनी चाहिए।