जिला अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों की लापरवाही भी खूब है।आगजनी से निपटने के लिए अस्पताल में पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। यहां से भी दयनीय हालात गांवों के स्वास्थ्य केंद्रों की भी हैं। ज्यादातर में आग बुझाने के उपकरण नहीं लगाए गए हैं। गौरतलब है कि जिला अस्पताल में आग पर काबू पाने के लिए फायर एक्यूपमेंट तो लगे हैं लेकिन उसमें अधिकांश उपकरण एक्सपायर हो गए हैं। वहीं चंद उपकरणों को अस्पताल प्रशासन ने रिफलिंग कराया है। मरीजों की सुरक्षा से अस्पताल प्रबंधन की ओर से की जा रही लापरवाही को लेकर वार्ड में भर्ती मरीजों में आक्रोश व्याप्त है। बताते चलें कि जिला अस्पताल के एसएनसीयू, लेबर रूम, महिला व पुरूष वार्ड में आग बुझाने के लिए लगे फायर एक्यूपमेंट ज्यादातर एक्सपायरी हो गए हैं। जो दिखावे के लिए लगाए गए हैं।
50 फायर एक्यूपमेंट में ज्यादातर एक्सपायरी
जिला अस्पताल में आग पर काबू पाने के लिए कुल 50 फायर एक्यूपमेंट लगाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर यंत्र एक्सपायर हो गए हैं। आग की घटना के वक्त चंद यंत्रों का प्रयोग ही किया जा सकेगा।बाकी के यंत्र अस्पताल में केवल शोपीस के रूप में लगे हैं।
जिला अस्पताल में आग पर काबू पाने के लिए कुल 50 फायर एक्यूपमेंट लगाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर यंत्र एक्सपायर हो गए हैं। आग की घटना के वक्त चंद यंत्रों का प्रयोग ही किया जा सकेगा।बाकी के यंत्र अस्पताल में केवल शोपीस के रूप में लगे हैं।
एसएनसीयू में ज्यादा खतरा
जिला अस्पताल के एसएनसीयू में इस समस्या को लेकर अधिक खतरा बना हुआ है क्योंकि यह बिल्डिंग काफी पुरानी है। बिजली की वायरिंग भी लंबे समय से की गई है। एसएनसीयू में अभी करीब आधा दर्जन नवजात भर्ती है। बोल्टेज लो-हाइ होने पर शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं प्रसव कक्ष में भर्ती प्रसूताएं भी खतरे से खाली नहीं हैं।
जिला अस्पताल के एसएनसीयू में इस समस्या को लेकर अधिक खतरा बना हुआ है क्योंकि यह बिल्डिंग काफी पुरानी है। बिजली की वायरिंग भी लंबे समय से की गई है। एसएनसीयू में अभी करीब आधा दर्जन नवजात भर्ती है। बोल्टेज लो-हाइ होने पर शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं प्रसव कक्ष में भर्ती प्रसूताएं भी खतरे से खाली नहीं हैं।
पहले हो चुकी हैं आग लगने की घटनाएं
जिला अस्पताल में आग लगने की घटनाएं घटित हो चुकी हैं। पहले शार्ट सर्किट से अस्पताल परिसर में आग लगी थी। इसके बाद एसएनसीयू में जर्जर बिजली तार से चिंगारी भडक़ी और आग लग गई। ऐसी घटनाएं घटित हो जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन जर्जर बिजली तार व फायर एक्यूपमेंट का सुधार कराने के लिए गंभीर नहीं दिख रहा है।
जिला अस्पताल में आग लगने की घटनाएं घटित हो चुकी हैं। पहले शार्ट सर्किट से अस्पताल परिसर में आग लगी थी। इसके बाद एसएनसीयू में जर्जर बिजली तार से चिंगारी भडक़ी और आग लग गई। ऐसी घटनाएं घटित हो जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन जर्जर बिजली तार व फायर एक्यूपमेंट का सुधार कराने के लिए गंभीर नहीं दिख रहा है।
फैक्ट फाइल:-
फायर एक्यूपमेंट – 50
एक्सापायरी – 12
लेबर वार्ड – 02
एसएनसीयू वार्ड – 01
महिला वार्ड – 01
पुरुष वार्ड – 01
फायर एक्यूपमेंट – 50
एक्सापायरी – 12
लेबर वार्ड – 02
एसएनसीयू वार्ड – 01
महिला वार्ड – 01
पुरुष वार्ड – 01