सड़क की मरम्मत का कार्य जिला प्रशासन एमपीआरडीसी के माध्यम से करा रहा है। जबकि नियमानुसार इस कार्य को हाल ही में मरम्मत करने वाली एजेंसी द्वारा कराया जाना चाहिए। गौरतलब है कि हाइवे की मरम्मत का कार्य 16 करोड़ रुपए की लागत से कराया गया है। छह महीने में मरम्मत का कार्य पूरा हुआ, जबकि दो महीने में ही सड़क उखड़ गई। इधर दूसरी ओर से हाइवे के अधूरे निर्माण कार्य को शुरू कराने की कवायद तेज हो गई है।
निविदा के जरिए चयनित निर्माण एजेंसी को शासन से स्वीकृत मिल गई है। बाकी है कि एजेंसी द्वारा जमानत राशि जमा करने की। जमानत राशि जमा करने के लिए एजेंसी को वर्क आर्डर मिल जाएगा। उसके बाद हाइवे के अधूरे निर्माण को पूरा करने के लिए कार्य शुरू होगा। बता दें कि अधूरा निर्माण पूरा करने की जिम्मेदारी तिरुपति बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड को 331.16 करोड़ में दी गई है।