scriptधान उपार्जन से मुनाफा कमाने पंजीयन में हुआ फर्जीवाड़ा | Fraud in registration for paddy procurement in Singrauli | Patrika News

धान उपार्जन से मुनाफा कमाने पंजीयन में हुआ फर्जीवाड़ा

locationसिंगरौलीPublished: Nov 16, 2021 11:57:21 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

सत्यापन में मिली घपलेबाजी ….

Singrauli: Centers for wheat procurement have not yet been determined

Singrauli: Centers for wheat procurement have not yet been determined

सिंगरौली. जनपद पंचायत बैढऩ के जरौंधा गांव निवासी किसान पंकज साहू ने करीब डेढ़ हेक्टेयर में बोवनी की है, लेकिन पंजीयन में उनकी ओर से 10 हेक्टेयर से अधिक रकबा में बोवनी दर्शाया गया है। मिलते-जुलते नाम का फायदा उठाते हुए किसान ने देवसर जनपद पंचायत के गीड़ा गांव निवासी किसान पंकज द्विवेदी के नाम का रकबा अपने पंजीयन में जुड़वा लिया है।
इस फर्जीवाड़े का खुलासा सत्यापन की प्रक्रिया में हुआ है। यह तो महज एक बानगी है। इस तरह के कई फर्जीवाड़ों का खुलासा हुआ है। यही वजह है कि पंजीयन में रकबा लगातार घट रहा है। किसानों से उनकी उपज समर्थन मूल्य पर खरीदकर उन्हें अच्छी कीमत देने कवायद को यहां कुछ किसानों ने व्यवसाय बना लिया है।
दूसरे किसानों से कम कीमत में धान खरीदकर समर्थन मूल्य प्राप्त करने को लेकर सक्रियता पंजीयन के दौरान से ही शुरू हो गई थी, जिसका अब सत्यापन में खुलासा हो रहा है। किसानों ने पंजीयन के दौरान हकीकत में की गई बोवनी से अधिक रकबा दर्शाया है। जिला प्रशासन द्वारा कराए जा रहे सत्यापन में न केवल इस बात का खुलासा हुआ है। बल्कि अब तक करीब 5 फीसदी रकबा घट गया है।
अब की बार जिले में 27 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। इन किसानों की ओर से 41 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में बोवनी दर्शाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक अब तक करीब 37 हजार हेक्टेयर रकबा का सत्यापन हो चुका है। जिसमें 5 फीसदी के करीब रकबा कम हो गया है। सत्यापन में लगे एसडीएम व तहसीलदार ने 5 फीसदी रकबा फर्जी तरीके से जोड़ा गया बताया गया है।
29 नवंबर से होगी खरीदारी
शासन स्तर से जारी निर्देशों के अनुरूप 29 नवंबर से धान सहित अन्य फसलों की खरीदारी शुरू कर दी जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक खरीदारी के लिए जिले में करीब 60 केंद्र बनाए जाने हैं। इनमें करीब डेढ़ दर्जन केंद्र स्वयंसेवी संगठनों के होंगे। पंजीयन संगठनों में से खरीदारी के लिए डेढ़ दर्जन को पात्र पाया गया है। कलेक्टर की ओर से जारी निर्देशों के अनुरूप अधिकारी उपार्जन प्रक्रिया से संबंधित तैयारी में जुटे हैं।
इन तरह से किया गया फर्जीवाड़ा
– मिलते-जुलते नाम के किसानों का जोड़ लिया रकबा
– बंटाई पर खेती करने का बनवाया गया फर्जी शपथ पत्र
– बिना बोवनी वाले रकबे को भी पंजीयन में दर्शाया
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो