सिंगरौली

नि:शुल्क प्रवेश का मिला दोबारा मौका, फिर भी दाखिला लेने नहीं पहुंच रहे बच्चे

निजी स्कूलों में 1000 से अधिक सीट अब भी खाली….

सिंगरौलीJul 16, 2019 / 09:25 pm

Ajeet shukla

Free Admission Speed is low under RTE in Singrauli’s private school

सिंगरौली. निजी स्कूलों में बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश दिलाने के लिए शासन स्तर से अभिभावकों को दोबारा मौका भी दिया गया, लेकिन दाखिले का ग्राफ है कि बढऩे का नाम नहीं ले रहा है।अभी एक हजार से अधिक सीट खाली है। जबकि प्रवेश के लिए अंतिम तिथि खत्म होने में महज चंद दिन बाकी है। यह स्थिति अभिभावकों में जागरूकता के अभाव का नतीजा है। प्रवेश के आंकड़े कुछ ऐसा ही बयां कर रहे हैं।
शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में आरक्षित 25 फीसदी सीटों पर प्रवेश के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने 20 जुलाई तक की तिथि बढ़ाई है। लाटरी सिस्टम से सीट आंवटन के पश्चात बच्चों का दाखिला कराने के लिए अभिभावकों को 10 जुलाई तक मौका दिया गया था, लेकिन करीब एक तिहाईअभिभावकों ने निजी स्कूलों में बच्चों का प्रवेश कराने में रुचि नहीं दिखाईहै। दोबारा मौका दिए जाने के बाद भी दाखिले की रफ्तार काफी धीमी है।
अब तक हुए 2171 बच्चों के प्रवेश
निजी स्कूलों के नर्सरी, केजी-वन, केजी-2 व कक्षा एक में प्रवेश के लिए लॉटरी सिस्टम से कुल 3251 बच्चों के लिए सीट आवंटित किए गए हैं, लेकिन अभी तक उनमें से केवल 2171 बच्चों ने दाखिला लिया है। स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश के लिए आरक्षित अभी 1080 सीटें खाली हैं। प्रवेश के लिए अभी 20 जुलाईतक का मौका है। यह बात और है कि प्रवेश की रफ्तार काफी धीमी है। एक दिन में एक से दो प्रवेश ही हो पा रहे हैं।
प्रवेश में चितरंगी है सबसे पीछे
चितरंगी विकासखंड के स्कूलों में प्रवेश की संख्या सबसे कम है। वहां के स्कूलों में केवल 433 प्रवेश हुए हैं। जबकि देवसर में 627 और बैढऩ में 1111 बच्चों का दाखिला हुआ है। प्रवेश के लिए किए गए ऑनलाइन आवेदन की संख्या का आंकड़ा भी कुछ ऐसा ही है। चितरंगी में 665, देवसर में 994 व बैढऩ में 1592 अभिभावकों ने आवेदन किया था। चितरंगी पिछड़ा क्षेत्र है। इसलिए माना जा रहा कि अभिभावकों में जागरूकता का अभाव ही इस स्थिति का नतीजा है।

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