जिले में अधिकतर मदिरा दुकानों का संचालन 23 मई से बंद है। इस कारण शासन को आबकारी शुल्क के रूप में रोजाना 33 लाख रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है। इतने बड़े राजस्व घाटे से उभरने के लिए इससे पहले विभाग की ओर से एक कवायद हुई। इसके तहत खुद आबकारी विभाग ने अपने स्तर पर मदिरा की दुकानों का संचालन शुरू किया मगर मात्र 9 दुकानें ही खुल पाई जबकि शेष 38 दुकाने अब तक बंद है। इस बीच शासन की ओर से जिले की सभी मदिरा दुकानों का एकल समूह बनाकर उनकी जिला स्तर पर पुन: नीलामी करने का निर्देश दिया गया। इसके तहत ही आबकारी विभाग ने जिले की सभी 47 दुकानों की नीलामी का ई-ऑक्शन कार्यक्रम जारी किया है।
सभी 47 दुकानों को होगा एकल टेंडर जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन के अनुसार इसके लिए जिले की सभी 47 दुकानों का एकल टेंडर किया जाएगा। यह प्रक्रिया ई-टेंडर के माध्यम से संपन्न की जाएगी। कार्यक्रम के अनुसार टेंडर प्रपत्र 13 से लेकर 18 जून तक ऑनलाइन बिक्री किए जाएंगे और 18 जून को दोपहर बाद टेंडर खोलने की प्रक्रिया संपन्न की जाएगी। कार्यक्रम के अनुसार जिले की सभी मदिरा दुकानों की नीलामी के लिए 18 जून को दोपहर 12 बजे तक ऑनलाइन टेंडर जमा किए जाएंगे और इसके तत्काल बाद कलेक्टर कार्यालय में टेंडर खोले जाएंगे। इसी दिन शाम 4 से साढ़े 6 बजे तक मदिरा दुकानों के एकल समूह की खुली बोली भी रखी गई है। यह प्रक्रिया संपन्न होने के बाद सफल निविदा दाता को आवश्यक औपचारिकता की पूर्ति करनी होगी तथा इसके तुरंत बाद संबंधित फर्म को जिले की सभी मदिरा दुकानों के संचालन का काम मिल जाएगा।
अंतिम निर्णय होईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक बता दें कि इससे पहले जिले की एकल समूह ठेकेदार फर्म ने आबकारी शुल्क विवाद के चलते 23 मई से जिले में मदिरा दुकानों का संचालन बंद कर दिया। बाद में शुल्क विवाद का यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। अब इसी मामले में 17 जून को हाईकोर्ट में अंतिम निर्णय होना है। इसके दृष्टिगत ही निर्णय के अगले दिन विभाग की ओर से सभी दुकानों की दुबारा नीलामी का कार्यक्रम जारी किया गया है। आबकारी विभाग के अनुसार संबंधित ठेकेदार फर्म चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि 31 मार्च तक जिले की मदिरा दुकानों का संचालन करने के लिए अधिकृत होगी।