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शिक्षकों कें तबादले को शासन ने जारी की नई गाइडलाइन, जानिए क्या है खास

locationसिंगरौलीPublished: Jun 26, 2019 06:14:35 pm

Submitted by:

Sonelal kushwaha

मप्र शासन के शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण नीति जारी करने के साथ ही स्थानांतरण की कवायद शुरू कर दी

Primary Teacher

Government issued New Guideline for the teachers’ transfer

सिंगरौली. शहर के स्कूलों में डेरा जमाए अतिशेष शिक्षकों को अब गांव का रास्ता देखना होगा। शासन स्तर से शिक्षकों के स्थानांतरण के बावत नई नीति जारी होने के बाद न केवल स्थानीय स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बल्कि, मनचाहे स्कूल में जाने के बावत शिक्षकों की ओर से स्थानांतरण के लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
नई नीति के तहत पात्रता जरूरी
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों के मद्दनेजर एक ओर जहां स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों को आवश्यकता वाले यानी कम शिक्षकों वाले स्कूलों में भेजा जाएगा। वहीं दूसरी ओर स्थान रिक्त होने की स्थिति में आवेदन करने वाले शिक्षकों को नई नीति के तहत पात्रता रखने पर स्थानांरित किया जाएगा।
150 के करीब शिक्षक अतिशेष
वर्तमान में शहरी क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अतिशेष है। हालांकि, शिक्षा अधिकारी बृजेश मिश्रा ने प्राचार्यों से अतिशेष शिक्षकों की जानकारी मांगी है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक शासकीय शालाओं से लेकर हाइस्कूल व हायर सेकंडरी में करीब 150 शिक्षक अतिशेष हैं।
पांच जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन
स्थानांतरण के बावत जारी निर्देशों के मद्देनजर पूरे वर्ष भर स्थानांतरण की प्रक्रिया पर प्रतिबंध रहेगा। स्थानांतरण की छूट 22 जून से लेकर 31 जुलाई तक दी गई है। इसके बाद शिक्षा विभाग में किसी भी तरह से स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी। निर्देशों के मुताबिक, स्थानांतरण के लिए शिक्षक पांच जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्थानांतरण आदेश 15 जुलाई तक जारी होंगे और 22 जुलाई तक संबंधित को स्थानांतरित स्कूल में ज्वाइन करना होगा।
स्थानांतरण नीति के प्रमुख बिन्दु
– शिक्षकों के अतिशेष की गणना छात्रसंख्या आधार पर होगी।
– कम छात्रसंख्या वाले स्कू लों में किया जाएगा स्थानांतरण।
– तीन शैक्षणिक सत्रों में औसत प्रवेश संख्या बनेगा आधार।
-अतिशेष शिक्षकों में पहले कनिष्ठ शिक्षकों का होगा स्थानांतरण।
-स्कूल में पदस्थापना से नहीं, सेवाकाल से तय होगी वरिष्ठता।
– ४० फीसदी से अधिक नि:शक्तता वाले शिक्षकों को राहत।
– सेवानिवृत्ति का समय एक वर्ष कम होने पर नहीं होंगे अतिशेष।
-स्वैच्छिक स्थानांतरण में आवेदन के क्रम को दी जाएगी वरियता।
– बेहतर परिणाम देने वाले स्कूलों के शिक्षकों व प्राचार्यों को वरियता।
– स्वयं या परिवार के सदस्य की बीमारी पर मिलेगी राहत व वरियता।
– अधिक आवेदन होने की स्थिति में महिलाओं को मिलेगी वरियता।
– विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता व नि:शक्त को नियुक्ति में वरियता।

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