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मवेशीराज से मुक्त होंगी सडक़ें, गौवंश को जल्द मिलेगा ठौर

locationसिंगरौलीPublished: Jan 21, 2020 11:47:59 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

ग्रामीण अंचल की गौशालाएं तैयार….

,Government's Gaushala scheme successful under Singrauli Collector

Government’s Gaushala scheme successful under Singrauli Collector

सिंगरौली. सडक़ पर मवेशीराज अब बीते दिनों की बात होगी। किसानों की फसल को भी ऐरा प्रथा से मुक्ति मिलेगी।ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रामीण अंचल में निर्माणाधीन गौशालाएं न केवल तैयार कर ली गई हैं। बल्कि उनमें गौवंश को जल्द ही ठौर देने की तैयारी की गई है।
कलेक्टर केवीएस चौधरी की ओर से जारी निर्देश के मद्देनजर लगभग तैयार हो चुकी गौशालाओं का 26 जनवरी को शुभारंभ कर दिया जाएगा। सडक़ों और गली-मोहल्लों के अलावा खेतों व जंगलों में विचरण करने वाले गौवंशों को नई तैयार गौशालाओं में ठिकाना मिलेगा। ऐसे में जहां आमजन को समस्या और किसानों को नुकसान से राहत मिलेगी। वहीं दूसरी ओर मवेशियों को सर्दी, गर्मी व बरसात में ठौर मिलने के साथ ही चारा-पानी भी नसीब हो सकेगा।
जिले में 23 नई गौशालाओं का होगा निर्माण
सडक़ पर मवेशीराज और ग्रामीण अंचल में ऐरा प्रथा से मुक्ति दिलाने को लेकर अभी पांच गौशालाएं तैयार की गई हैं। योजना के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2020-21 में 23 और गौशाला बनाने का निर्देश जारी हुआ है। फिलहाल अभी बैढऩ क्षेत्र में दो गांव उर्ती व कुहिरा, देवसर के कुंदवार व घोघरा में और चितरंगी के बगैया गांव में गौशालाएं तैयार कर दी गई हैं।
पशु चिकित्सा सेवा विभाग के उपसंचालक डॉ. डीपी तिवारी के मुताबिक कलेक्टर के निर्देशानुसार गौशालाओं का संचालन जल्द शुरू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि जिले में दो निजी गौशालाएं पहले से ही संचालित हैं।एक बैढऩ के जमगढ़ी में और दूसरी चितरंगी की बिरकुनिया गांव में स्थित है।
कंपनियों को सौंपी गई संचालन की जिम्मेदारी
अधिकारियों के मुताबिक गौशाला संचालन की जिम्मेदारी एनटीपीसी और एनसीएल को दी गई है। वैसे तो गौशाला में गौवंश के रखरखाव के लिए शासन स्तर से 20 रुपए प्रति दिवस प्रति गौवंश का अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान में 15 रुपए गौवंश के चारा-भूसा पर और पांच रुपए पशु आहार पर खर्च किया जाएगा। इसके अलावा अन्य खर्च कंपनियां सीएसआर मद से संभालेंगी।
पटरी पर लौटेगी कांजी हाउस की व्यवस्था
शहरी क्षेत्र में गौवंश के लिए दो कांजी हाउस बनाया गया है। एक कांजी हाउस नवजीवन विहार में तो दूसरा कचनी में स्थित है। वर्तमान में दोनों कांजी हाउस बंद की स्थिति में हैं। फिलहाल कलेक्टर के निर्देश पर इन दोनों कांजी हाउस की व्यवस्था पटरी पर लाने की कोशिश शुरू हो गई है। नगर निगम जल्द ही दोनों कांजी हाउस संचालित करने के लिए संचालक का चयन कर लेगा।

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