जिले में करीब छह लाख क्विंटल धान की खरीदारी होती है। समर्थन मूल्य पर खरीफ व रबी सीजन में खरीदे जाने वाले अनाज के भंडारण के मामले में जिला अब तक फिसड्डी रहा है। जिले में सरकारी क्षेत्र में अनाज भंडारण के लिए अब तक मात्र 10 हजार क्विंटल अनाज के भंडारण की व्यवस्था ही हो पाई है। इस कारण सहकारिता विभाग की ओर से हर सीजन में खरीदे गए अनाज के भंडारण के लिए निजी गोदाम किराए पर लिए जाते हैं।
रबी सीजन सीजन में ही समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं के भंडारण के लिए निजी क्षेत्र के 10 गोदाम किराए पर लिए गए। इस प्रकार निजी गोदाम ही समर्थन मूल्य पर खरीदे गए अनाज के भंडारण का सहारा बन रहे हैं। हालांकि वर्तमान में लगभग 52 हजार क्विंटल क्षमता के गोदाम का सहकारी समितियों में निर्माण कार्य जारी है। यह निर्माण पूरा होने के बाद सरकारी क्षेत्र में अनाज भंडारण की क्षमता बढ़ जाने से खरीद से जुड़े विभागों को लाभ मिलेगा।
जिले में समर्थन मूल्य पर दोनों सीजन में खरीद होने वाले अनाज के भंडारण के लिए सरकारी क्षेत्र में कचनी स्थित एकमात्र गोदाम स्थापित है। इसकी क्षमता मात्र 10 हजार क्विंटल तक अनाज भंडारण की है। इसके अलावा जिले में कहीं भी सरकारी क्षेत्र में अनाज भंडारण के लिए गोदाम उपलब्ध नहीं है। इस कारण खरीद होने वाले गेहूं या धान का भंडारण निजी क्षेत्र के गोदामों में किया जाता है।
पिछले रबी सीजन में भी गेहूं भंडारण के लिए लगभग बड़े 10 गोदाम किराए पर लिए गए। किराए के गोदाम में भंडारण की यह व्यवस्था हर सीजन में की जाती है। इस समस्या के निराकरण के लिए इस वर्ष जिला प्रशासन की ओर से जिले में 29 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण कराने का निर्णय किया गया। इसकी पालना में जिले में 29 जगह गोदाम निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इनमें से 23 गोदाम की क्षमता दो-दो हजार क्विंटल और छह गोदाम की क्षमता एक एक-एक हजार क्विंटल होगी।
इस प्रकार सरकारी क्षेत्र में 52 हजार क्विंटल अनाज के भंडारण की सुविधा रहेगी। सहकारिता विभाग के कार्यवाहक उपायुक्त पीके मिश्रा ने बताया कि सभी 29 गोदाम का निर्माण कार्य अक्टूबर माह के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसका खरीफ सीजन की फसल के उपार्जन के बाद भंडारण में लाभ मिलेगा। इससे निजी क्षेत्र के गोदामों पर निर्भरता भी कम होगी।