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भू-अर्जन के बदले एक करोड़ का मुआवजा मंजूर

locationसिंगरौलीPublished: Jan 19, 2019 06:16:31 pm

Submitted by:

Anil kumar

कई वर्ष मेंं पूरा होगा भूमि का पूरक अर्जन

Great relief to farmers of Sajapani sinks

Great relief to farmers of Sajapani sinks

सिंगरौली. जिले की दो दर्जन से अधिक सिंचाई परियोजनाओं मेंं से एक साजापानी बांध के डूब क्षेत्र मेंं आए काफी परिवारों की पूरक भू अर्जन प्रक्रिया अब पूरी होने जा रही है। भू-अर्जन की यह पूरक प्रक्रिया लगभग दो वर्ष बाद अब संपन्न हो सकेगी। सहमति से हुई इस प्रक्रिया से प्रभावित किसानों को मुआवजे के लिए एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि भू-अर्जन अधिकारी और कलेक्टर कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी कर दी गई। अब जल संसाधन विभाग इस पूरक राशि से जल्द ही किसानों को मुआवजे का वितरण शुरू करने वाला है।
किसानों से बनी थी सहमति
जल संसाधन विभाग की ओर से सरई तहसील में साजापानी लघु सिंचाई योजना के डूब क्षेत्र में आए ३५ किसानों की भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा राशि मंजूर करने के लिए पिछले वर्ष अगस्त मेंंं कलेक्टर कार्यालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। जल संसाधन विभाग के इस प्रकरण पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर कार्यालय की ओर से शुक्रवार को संबंधित किसानों को मुआवजे के तौर पर दिए जाने के लिए एक करोड़ ११ लाख ५० हजार रुपए मंजूर किए गए है। सरई तहसील के गांव साजापानी व इसके आसपास स्थानीय नाले पर बनाए गए बांध के डूब क्षेत्र में आने से प्रभावित किसानों को उनकी भूमि का दाम मिल सकेगा। जल संसाधन विभाग की ओर से मंजूर शुदा राशि का प्रभावित ३५ किसानों को वितरण किया जाएगा। जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि साजापानी परियोजना के लिए भू अर्जन की यह पूरक प्रक्रिया विभाग व किसानों की सहमति से हुई है। इसलिए संबंधित किसानों से विभाग उनकी डूब क्षेत्र मेंं आई व बाद में चिह्नित की गई भूमि की उप पंजीयक के यहां रजिस्ट्री करवाएगा। इसके साथ ही डूब क्षेत्र में आई भूमि का मालिकाना हक जल संसाधन विभाग को मिल जाएगा। विभाग इन किसानों से उनकी साढ़े आठ हेक्टेयर भूमि अब पूरक तौर पर अर्जन करने जा रहा है। इसके साथ ही साजापानी परियोजना शुरू होने के कारण डूब क्षेत्र में आ गई अपनी भूमि का उपयोग नहीं हो पाने के कारण परेशान किसानों को भी इससे राहत मिल सकेगी। पूरक भू-अर्जन की यह प्रक्रिया लगभग दो वर्ष से कागजों में चलने के बाद अब जाकर पूर्ण हो रही है। जल संसाधन विभाग के स्थानीय सूत्रों ने बताया कि आगामी सप्ताह से किसानों को राशि का भुगतान व जमीन की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। विभाग की ओर से यह पूरी प्रक्रिया इसी वित्त वर्ष में मार्च तक संपन्न करना तय किया गया है।
संकट में जीवन यापन
उल्लेखनीय है कि साजापानी लघु सिंचाई परियोजना के तहत सरई तहसील के गांव साजापानी के रकबे में स्थानीय बरसाती नाले पर वर्ष 2016 में बांध का निर्माण पूरा किया गया। नवनिर्मित बांध से वर्ष 2016 में ही आसपास के 243 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों को सिंचाई सुविधा शुरू हो गई। लेकिन दुर्भाग्य से जल संग्रह के समय बांध के डूब क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के एस्टीमेट से अधिक क्षेत्रफल पानी में डूब गया। इस प्रकार जल संग्रह पर वास्तविक डूब क्षेत्र पहले से अनुमानित किए गए रकबे से अधिक हो गया। इस स्थिति में अनुमान के तहत अर्जित किए गए क्षेत्र से साढ़े आठ हेक्टेयर अधिक भूमि को बांध के पानी ने निगल लिया। इससे अतिरिक्त भूमि डूब में आने वाले किसानों पर संकट छा गया, जबकि वे भू अर्जन में शामिल नहीं थे व उनको अपनी जमीन डूब मेंं आने का कोई मुआवजा भी नहीं मिला। इससे डूब के अतिरिक्त क्षेत्र मेें आ गए ३५ किसान परिवारों के समक्ष जीवन यापन तक का संकट खड़ा हो गया।
सीएमओ की दखल पर निकला रास्ता
इस पर वर्ष 2016 में ही प्रभावित किसानों की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय तक फरियाद की गई। इस पर वहां से डूब क्षेत्र में आई अतिरिक्त भूमि का सीमांकन कर संबंधित किसानों को राहत देने का निर्देश दिया गया। इसके बाद वर्ष 2016 के अंत में स्थानीय जल संसाधन विभाग की ओर से साजापानी परियोजना के डूब क्षेत्र में आई अतिरिक्त भूमि की पैमाईश व सीमांकन करने की प्रक्रिया शुरू की गई। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद राजस्व विभाग से संबंधित भूमि का नक्शा व उसका सही मालिकाना हक आदि की सूचना जुटाने का काम चला। सारी प्रक्रिया पूर्ण होने व अतिरिक्त डूब क्षेत्र में आए किसानों के भूमि संबंधी विवरण के साथ उनको मुआवजे के लिए पत्रावली कलेक्टर को पेश की गई। बताया गया कि डूब क्षेत्र में आए ३४ अतिरिक्त किसानों ने अपनी भूमि जल संसाधन विभाग को देने की पहले ही सहमति दे दी। इसलिए इन किसानों की भूमि जल संसाधन विभाग की ओर से खरीद करना तय किया गया ताकि भू अर्जन प्रक्रिया मेंं अधिक समय लगने से बचा जा सके और किसानों को जल्द राशि मिले। जल संसाधन विभाग के इस प्रस्ताव पर प्रशासन ने मोहर लगाते हुए प्रभावित सभी ३५ परिवारों को राशि देकर उनकी जमीन खरीद करने के लिए मांगी गई राशि मंजूर की है।

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