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नहीं सुधरी ट्रामा सेंटर की अव्यवस्था, निरीक्षण में कलेक्टर ने दी थी कई हिदायत

locationसिंगरौलीPublished: Jun 23, 2020 09:16:13 pm

Submitted by:

Amit Pandey

जिला अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर का हाल….

Hall of Singrauli District Hospital and Trauma Center

Hall of Singrauli District Hospital and Trauma Center

सिंगरौली. जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर के व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चल रही है जबकि नवागत कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाते हुए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का निर्देश दिया था। मगर लापरवाह अस्पताल प्रबंधन नींद से नहीं जागा जिस कारण इलाज के लिए जिला अस्पताल में आ रहे मरीज अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं। मरीजों को न तो समय पर उपचार मिल रहा है और ना ही जरूरी दवाएं। ऐसे में मरीज जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में काफी परेशान नजर आ रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कई बार जिला प्रशासन की ओर से अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने का प्रयास किया गया, मगर प्रबंधन की बेरुखी के चलते व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं लौटी हैं।
मकरोहर गांव के राम प्रताप कुशवाहा इलाज के लिए मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर को ढूंढने के लिए मरीज अस्पताल परिसर में इधर-उधर चक्कर लगा रहा था पूछने पर उसने बताया कि पिछले दो दिन से बुखार आ रही है। इलाज करा लेंगे तो स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा। मगर यहां जिला अस्पताल में डॉक्टर मिलते ही नहीं हैं। इससे पहले भी कई बार इलाज के लिए आकर यहां से बिना उपचार वापस लौटा हूं।
हर रोज पहुंच रहे सैकड़ों मरीज
बतादें कि जिला अस्पताल में इलाज के लिए हर रोज सैकड़ों मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें कोई बुखार से पीडि़़त तो कोई पेट दर्द सहित अन्य बीमारियों से पीडि़त मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं उन मरीजों को संशय बना रहता है कि जिला अस्पताल में इलाज हो जाएगा या नहीं, क्योंकि लंबे समय से वे पटरी हुई जिला अस्पताल की व्यवस्था तमाम कोशिश के बाद भी नहीं सुधरी है। अब अब नवागत कलेक्टर पर मरीजों की उम्मीदें टिकी हैं क्योंकि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर गौर फरमाने की जरूरत है।
अस्पताल से नदारद रहते हैं डॉक्टर
वैसे तो जिला अस्पताल में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है मगर ड्यूटी के दौरान जिला अस्पताल के ओपीडी व इमरजेंसी में डॉक्टर नदारद रहते हैं। यहां हैरान करने वाली बात यह है कि जब प्रबंधन ही अस्पताल से नदारद रहते हैं तो डॉक्टर क्यों ना रहेंगे। दूरदराज से आने वाले मरीज जब दिन भर इधर-उधर चक्कर लगाकर बिना उपचार वापस लौटते हैं तो उस दौरान मरीज अस्पताल प्रबंधन को कोसते रहते हैं ।
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