उज्ज्वला योजना के तहत दिए जा रहे सिलेंडर
उज्ज्वला योजना के जरिए घरों में गैस कनेक्शन दिए जाने की कवायद तो तेजी के साथ जारी है, लेकिन सिलेंडर के लिए हो रही परेशानी पर कोई गौर फरमाने की जरूरत नहीं समझ रहा है। घरेलू सिलेंडर की व्यावसायिक कार्यों में बढ़ी खपत का ही नतीजा है कि घर में सिलेंडर बुकिंग के कई दिनों बाद भी नहीं पहुंचता है। पत्रिका की ओर से इसकी पड़ताल की गई तो शहर के कई होटल व रेस्तरां में घरेलू सिलेंडर का उपयोग होता देखा गया। नियमों को ताक पर रखने की हिमाकत अधिकारियों की चुप्पी और कुछ रुपए बचत करने का नतीजा है।
22 रुपए प्रति किलो तक का फायदा
व्यावसायिक कार्य में घरेलू सिलेंडर का उपयोग व्यापारी प्रति किलोग्राम २२ रुपए के फायदे के लिए कर रहे हैं। एलपीजी के वर्तमान समय के रेट के मुताबिक घरेलू सिलेंडर में १४ किलोग्राम गैस ७३२ रुपए में मिल रही है। जबकि १९ किलोग्राम के व्यवसायिक सिलेंडर के लिए १४०९ रुपए देना पड़ता है। दोनों सिलेंडर के गैस की प्रति किलोग्राम कीमत में करीब २२ रुपए का अंतर होता है।
व्यावसायिक कार्य में घरेलू सिलेंडर का उपयोग व्यापारी प्रति किलोग्राम २२ रुपए के फायदे के लिए कर रहे हैं। एलपीजी के वर्तमान समय के रेट के मुताबिक घरेलू सिलेंडर में १४ किलोग्राम गैस ७३२ रुपए में मिल रही है। जबकि १९ किलोग्राम के व्यवसायिक सिलेंडर के लिए १४०९ रुपए देना पड़ता है। दोनों सिलेंडर के गैस की प्रति किलोग्राम कीमत में करीब २२ रुपए का अंतर होता है।
व्यापरियों से साठगांठ , चुप्पी साधे बैठा है खाद्य विभाग
व्यापारियों की इस मनमानी पर नकेल लगाने की कवायद खाद्य विभग को दी गई है। लेकिन विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। अधिकारियों की नींद होली के त्योहार के मद्देनजर बढ़ी खपत के बाद भी नहीं टूट रही है। ऐसे में अधिकारियों व व्यापारियों के बीच साठगांठ की बात सामने आती है। गौरतलब है कि पूर्व की चलाए गए अभियान और की गई कार्रवाई में बड़ी संख्या में व्यापारिक प्रतिष्ठानों की मनमानी सामने आई थी।