ग्रामीण अंचल में बन रहे 106 अमृत सरोवर और नालों में चेक डैम का निर्माण पूरा होने से बारिश का पानी पर्याप्त मात्रा में संचित हो सकेगा। ऐसे में किसानों को धान सहित अन्य फसलों की बोवनी व सिंचाई के लिए इस बार पानी के लिए बहुत अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पुराने तालाबों का गहरीकरण और जीर्णोद्धार होने से उनमें भी जल संरक्षण हो सकेगा।
इससे किसान खेतों व फसल की आसानी से सिंचाई कर सकेगा। इन बातों को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 1.62 लाख हेक्टेयर में बोवनी कराने की योजना बनाई है। पिछले खरीफ में बोवनी का रकबा 1.42 लाख हेक्टेयर ही रहा है। अब की बार धान के अलावा अरहर, बाजरा, रामतिल जैसी फसलों की बोवनी का रकबा बढ़ाया जाएगा।
मई में आएगी यूरिया की एक और रेक
बोवनी शुरू होने से पहले इस बार कृषि विभाग खाद और बीज की पर्याप्त व्यवस्था कर लेेने की योजना में है। कृषि विभाग के उपसंचालक आशीष पाण्डेय के मुताबिक वर्तमान में 3 हजार मैट्रिक टन से अधिक यूरिया जिले में उपलब्ध है। मई के अंत या फिर जून के पहले सप्ताह में इतनी ही मात्रा में यूरिया लेकर एक और रेक आ जाएगी। इसके अलावा बीज के नए किस्मों को लाने की योजना है। ताकि किसान कम सिंचाई व कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सके। इसके लिए निजी व्यापारियों का सहारा लिया जाएगा।
बोवनी शुरू होने से पहले इस बार कृषि विभाग खाद और बीज की पर्याप्त व्यवस्था कर लेेने की योजना में है। कृषि विभाग के उपसंचालक आशीष पाण्डेय के मुताबिक वर्तमान में 3 हजार मैट्रिक टन से अधिक यूरिया जिले में उपलब्ध है। मई के अंत या फिर जून के पहले सप्ताह में इतनी ही मात्रा में यूरिया लेकर एक और रेक आ जाएगी। इसके अलावा बीज के नए किस्मों को लाने की योजना है। ताकि किसान कम सिंचाई व कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सके। इसके लिए निजी व्यापारियों का सहारा लिया जाएगा।