बताया जा रहा है कि कुलदेवी को प्रसन्न करने के लिए आसपास के इलाके में बेजुबान जानवरों की बलि देने की प्रथा वर्षों पुरानी है। लेकिन जब विशेष मन्नत मांगी जाती है तो नरबलि के बारे में भी यहां किंवदंतियां प्रचलित हैं। कयास लगाया जा रहा है कि इन अंधविश्वासों पर भरोसा करते हुए ब्रजेश ने अपनी ही पत्नी का गला काटकर देवी को चढ़ा दिया।
घटना की सूचना पर मौके पर जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी पहुंचे। लेकिन पत्नी का गला काटने वाला पति मौके से गायब है। बेटे ने पुलिस को बताया कि मां और पिता के बीच रात में किसी मुद्दे पर विवाद हुआ था।
बेटे से मिली जानकारी पर पुलिस को पता चला कि उसके पिता ने ही उसकी मां की हत्या की है, घटनास्थल पर महिला का सर धड़ से अलग मिट्टी के नीचे दबा था और बिना सर का धड़ पास में था। आसपास पूजन सामग्री यहां-वहां बिखरी पड़ी थी। पुलिस को यह समझने में देर नहीं लगी कि यह हत्या सिर्फ अंधविश्वास के चलते हुई है।
“हत्याकांड का प्रत्यक्ष गवाह और कोई नहीं बल्कि उसका बेटा सुरेश बन गया है। पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है।” – वीरेंद्र कुमार सिंह, एसपी, सिगरौली