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सिंगरौली

अनदेखी: पंडालों में आग रोकने के लिए इंतजाम नहीं, मंदिरों में श्रद्धालुओं की रही भीड़

सिंगरौली के शहरी इलाक में सिर्फ 82 ने ली एनओसी

सिंगरौलीOct 13, 2018 / 02:22 am

Anil singh kushwah

Ignore: Pondals do not have arrangements to prevent fire

Ignore: Pondals do not have arrangements to prevent fire

सिंगरौली. शहर के 90 फीसदी पंडालों में आगजनी की घटनाओं से निपटने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। जबकि पंडाल प्रबधकों को शांति समिति की बैठक में सुरक्षा के उपाय बताए जा चुके हैं। फिर भी प्रबंधक चेत नहीं रहे। शहर में जगह-जगह दुर्गा पूजा के मद्देनजर पण्डाल सजाए जा रहे हैं। अक्सर पण्डालों में दुर्गा पूजा के दौरान आगजनी की घटनाएं होती रहती हैं। इसलिए जरूरी है कि पंडालों में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाएं। दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में कोई दुर्घटना न हो, इसके लिए फायर ब्रिगेड के अधिकारी पंडाल प्रबधकों को बचाव के उपाय बता चुके हैं। नगर निगम के अग्शिमन अधिकारी वीपी उपाध्याय का कहना है कि अगर, प्रबंधक दिए गए उपायों को नहीं अपनाएगा तो अग्नि शमन विभाग से उनकी संस्तुति नहीं मानी जाएगी।
निरीक्षण नहीं
पत्रिका टीम शहर में सजाए गए कई पंडालों में पहुंची। वहां मौजूद लोगों से जानकारी ली गई कि क्या कोई अग्निशमन विभाग के अधिकारी निरीक्षण के लिए आए थे। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि अब तक तो कोई नहीं आया। पूजा पण्डालों में कागज,पन्नी, रेशमी कपड़े, दीपक आदि कई ऐसे सामान होते हैं जो आग भड़का सकते हैं। इसलिए इनसे बचने के लिए उपाय जरूरी है।
क्या-क्या उपाय
पंडाल बिजली के तारों के नीचे, पॉवर हाउस, रेलवे लाइन, चिमनी और भ_ी के पास न बनाएं। लाइसेंस ठेेकेदारों से बिजली व्यवस्था पंडालों में कराई जानी चाहिए। हाइलोजन लाइट प्रयोग से बचें। आग पर काबू पाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी रखें, आधा पानी पंडाल में और आधा बाहर रखा जाए।
भक्तिभाव से हुआ आरती का आयोजन
इधर शारदेय नवरात्र के चौथे दिन मंदिरों में भारी भीड़ रही। शुक्रवार सुबह से मंदिरों में मां के दर्शन करने लोग पहुंच रहे थे। इससे शहर सहित आसपास के देवी मंदिरों में माता के दर्शन करने श्रद्घालुओं का तांता लगा रहा। नौ दिनों तक मंदिर में विशेष पूजा की जा रही है। चौथे दिन माता के नौ रूपों में चौथे स्वरूप मा कूष्मांडा की पूजा की गई। डा एनपी मिश्र ने बताया कि माता के स्वरूप के बारे में कहा जाता है कि आठ भुजाएं होती हैं। मां ने आठ भुजाओं में अलग-अलग वस्तु धारण किया है। शक्तिनगर के ज्वालामुखी मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाता है। मंदिरों में रोजाना शाम को कार्यक्रम होता है।
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