दस्तावेजों के संशोधन से लेकर नामांतरण व बंटनवारा के मामले में ग्रामीणों से धन उगाही की जा रही है। राजस्व विभाग के मैदानी अमले की ओर से की जा रही इस मनमानी के संबंध में ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वारिसाना नामांकरण में जमकर वसूली की जा रही है। खासतौर पर इसमें पटवारी लगे हुए हैं। वसूली शादीशुदा बेटियों के नाम पर की जा रही है।
दरअसल ग्राम सभाओं में काश्तकार के पूरे परिवार का विवरण लेने के बाद शादीशुदा बेटियों का नाम भी वारिसाना नामांतरण में जोडऩे की बात की जाती है। सामान्यतया कोई भी संपत्ति का मालिक वारिसाना में बेटियों का नाम शामिल नहीं कराना चाहता है। इसके लिए नकद की मांग की जा रही है। इसी तरह के अन्य कई तरह के मामलों में अमला धन उगाही करने में जुट गया है।
शिकायत करने से हट रहे पीछे
ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में उनके लिए जिला प्रशासन से शिकायत करते भी नहीं बन रहा है। सभी इस बात को लेकर सशंकित हैं कि कहीं प्रशासन की ओर से बेटों के साथ बेटियों का नाम भी वारिसाना में जोडऩे का आदेश न कर दिया जाए। इसी मजबूरी का अमला फायदा उठा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में उनके लिए जिला प्रशासन से शिकायत करते भी नहीं बन रहा है। सभी इस बात को लेकर सशंकित हैं कि कहीं प्रशासन की ओर से बेटों के साथ बेटियों का नाम भी वारिसाना में जोडऩे का आदेश न कर दिया जाए। इसी मजबूरी का अमला फायदा उठा रहा है।
कई गांवों में नहीं हुई सभाएं
इधर, दूसरी ओर स्थिति यह है कि कई गांवों में अभी विशेेष ग्राम सभाओं का आयोजन नहीं किया गया है। जिससे वहां लंबित प्रकरण अधर में लटके हुए हैं। देवसर जनपद पंचायत क्षेत्र के निगरी सहित आस-पास की गई ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस आशय की शिकायत भी की है।
इधर, दूसरी ओर स्थिति यह है कि कई गांवों में अभी विशेेष ग्राम सभाओं का आयोजन नहीं किया गया है। जिससे वहां लंबित प्रकरण अधर में लटके हुए हैं। देवसर जनपद पंचायत क्षेत्र के निगरी सहित आस-पास की गई ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस आशय की शिकायत भी की है।
चितरंगी में सामने आया गोलमाल
पटवारी का एक कारनामा चितरंगी में अधिकारियों तक भी पहुंचा है। वहां एक भू-स्वामी को दस्तावेजों में मृत करार देते हुए वारिसाना नामांतरण तैयार कर दिया गया है। ऐन वक्त पर जीवित भू-स्वामी को इसकी जानकारी हुई तो तहसीलदार के समक्ष जाकर शिकायत दर्ज कराई गई। इसके बाद नामांतरण का प्रस्ताव निरस्त किया गया। चितरंगी में इस तरह के पहले भी कुछ मामले सामने आ चुके हैं।
पटवारी का एक कारनामा चितरंगी में अधिकारियों तक भी पहुंचा है। वहां एक भू-स्वामी को दस्तावेजों में मृत करार देते हुए वारिसाना नामांतरण तैयार कर दिया गया है। ऐन वक्त पर जीवित भू-स्वामी को इसकी जानकारी हुई तो तहसीलदार के समक्ष जाकर शिकायत दर्ज कराई गई। इसके बाद नामांतरण का प्रस्ताव निरस्त किया गया। चितरंगी में इस तरह के पहले भी कुछ मामले सामने आ चुके हैं।