मौके पर डिप्टी कलेक्टर संपदा सर्राफ व एसडीओपी देवसर लाल देव सिंह सहित अन्य अधिकारी पहुंचकर मृतक के परिजनों को समझाइश देने में जुटे रहे। इस दौरान पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। परिजनों का आरोप है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों व पुलिस की लापरवाही ने युवक की जान ले लिया। पीडि़त युवक के बार-बार शिकायत करने पर उसे जांच के लिए तरीख पर तारीख मिलती रही।
यही तारीख उसके मौत का कारण बन गई। राजस्व व पुलिस विभाग की ओर से उक्त मामले का समय पर निपटारा कर दिया गया होता तो युवक की जान नहीं जाती। कमीशनखोरी में लिप्त राजस्व व पुलिस अमला ने पीडि़त युवक को आत्मदाह करने पर मजबूर कर दिया था। सरकारी तंत्र की करतूतों से लाचार होकर युवक ने ऐसा खौफनाक कदम उठाया था। जिससे पुलिस व राजस्व अमला डरे सहमे हुए थे।
यह था पूरा मामला
सरई थाना क्षेत्र के दुधमनियां निवासी रामानंद प्रजापति पिता जगधारी प्रजापति जमीनी विवाद की शिकायत सरई थाने में किया था। शिकायत पर पुलिस ने सुनवाई नहीं किया। इधर, राजस्व अमला उसे तारीख दे रहा था। जिससे पीडि़त बार-बार थाने का चक्कर लगाता रहा। १६ जुलाई को पीडि़त एक बार फिर पुलिस से गुहार लगाने थाने में पहुंचा था। जहां उसे फटकार मिला और कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूर होकर उसने पुलिस की मौजूदगी में खुद को आग के हवाले कर दिया।
सरई थाना क्षेत्र के दुधमनियां निवासी रामानंद प्रजापति पिता जगधारी प्रजापति जमीनी विवाद की शिकायत सरई थाने में किया था। शिकायत पर पुलिस ने सुनवाई नहीं किया। इधर, राजस्व अमला उसे तारीख दे रहा था। जिससे पीडि़त बार-बार थाने का चक्कर लगाता रहा। १६ जुलाई को पीडि़त एक बार फिर पुलिस से गुहार लगाने थाने में पहुंचा था। जहां उसे फटकार मिला और कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूर होकर उसने पुलिस की मौजूदगी में खुद को आग के हवाले कर दिया।
परिजनों ने घंटो काटा बवाल
थाना परिसर में मामला काफी गरमा गया था। इस दौरान परिजनों ने घंटो तक बवाल काटा है। परिजनों का हंगामा देख आसपास के लोगों की भारी संख्या में भीड़ जुट गई। जिसे देखकर पुलिस के जहां होश उड़ गए। वहीं भीड़ को काबू करने के प्रयास में पुलिस मशक्कत करती रही। हालांकि मौके पर डिप्टी कलेक्टर संपदा सर्राफ व एसडीओपी मामले को शांत कराने में परिजनों को समझाइश दे रहे थे लेकिन परिजन कुछ भी मानने को तैयार नहीं हुए। दोपहर बाद से शुरू हुआ हंगामा शाम तक चला उसके बाद अधिकारियों के आश्वासन पर परिजन माने और शव अंतिम संस्कार किया।
थाना परिसर में मामला काफी गरमा गया था। इस दौरान परिजनों ने घंटो तक बवाल काटा है। परिजनों का हंगामा देख आसपास के लोगों की भारी संख्या में भीड़ जुट गई। जिसे देखकर पुलिस के जहां होश उड़ गए। वहीं भीड़ को काबू करने के प्रयास में पुलिस मशक्कत करती रही। हालांकि मौके पर डिप्टी कलेक्टर संपदा सर्राफ व एसडीओपी मामले को शांत कराने में परिजनों को समझाइश दे रहे थे लेकिन परिजन कुछ भी मानने को तैयार नहीं हुए। दोपहर बाद से शुरू हुआ हंगामा शाम तक चला उसके बाद अधिकारियों के आश्वासन पर परिजन माने और शव अंतिम संस्कार किया।
जमीन के कई मामले अनसुलझे
जानकारी के लिए बताते चलेंकि मंगलवार जनसुनवाई में कलेक्टर के पास जमीन संबंधी कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें पीडि़त पक्ष को न्याय नहीं मिल पाता है। इस दौरान अनसुलझे मामले को सुलझाने व पीडि़त को न्याय दिलाने के लिए कलेक्टर भी राजस्व विभाग को सख्त निर्देशित करते हैं। इसके बाद संबंधित विभाग की ओर से मामले को दरकिनार कर दिया जाता है। यही वजह है कि ज्यादातर शिकायतें जमीन विवाद संबंधित पहुंच रहे हैं।
जानकारी के लिए बताते चलेंकि मंगलवार जनसुनवाई में कलेक्टर के पास जमीन संबंधी कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें पीडि़त पक्ष को न्याय नहीं मिल पाता है। इस दौरान अनसुलझे मामले को सुलझाने व पीडि़त को न्याय दिलाने के लिए कलेक्टर भी राजस्व विभाग को सख्त निर्देशित करते हैं। इसके बाद संबंधित विभाग की ओर से मामले को दरकिनार कर दिया जाता है। यही वजह है कि ज्यादातर शिकायतें जमीन विवाद संबंधित पहुंच रहे हैं।
पुलिस छावनी मेें तब्दील रहा सरई बाजार
मामले को बढ़ते देख पुलिस अधिकारियों ने मुख्यालय से भारी संख्या में पुलिस बल रवाना कर दिया था। पूरा दिन सरई बाजार पुलिस छावनी तब्दील रहा। पुलिस अधिकारियों को भय बना रहा कि कहीं जनता का उग्र रूप ना हो जाए। इससे पुलिस की धडक़ने बढ़ गई थी। जिसकेमद्देनजर सरई बाजार में हाइ अलर्ट जारी किया कर दिया गया था। वहीं परिजनों को समझाने बुझाने में प्रशासन व जनप्रतिनिधि जुटे थे।
मामले को बढ़ते देख पुलिस अधिकारियों ने मुख्यालय से भारी संख्या में पुलिस बल रवाना कर दिया था। पूरा दिन सरई बाजार पुलिस छावनी तब्दील रहा। पुलिस अधिकारियों को भय बना रहा कि कहीं जनता का उग्र रूप ना हो जाए। इससे पुलिस की धडक़ने बढ़ गई थी। जिसकेमद्देनजर सरई बाजार में हाइ अलर्ट जारी किया कर दिया गया था। वहीं परिजनों को समझाने बुझाने में प्रशासन व जनप्रतिनिधि जुटे थे।
मौके पर पहुंचे विधायक
परिजनों को सांत्वना देने मौके पर देवसर विधायक सुभाष वर्मा पहुंचे थे। विधायक ने परिजनों पीड़ा सुनते हुए प्रशासन से जमीन दिलाए जाने की मांग किया है। वहीं रोते-बिलखते परिजनों को ढाढस बंधाने विधायक मौजूद रहे। परिजनों के दु:ख की घड़ी में देवसर विधायक पूरा दिन उनके साथ होकर पीडि़त परिवार के हक दिलाए जाने की मांग प्रशासन से किया है।
परिजनों को सांत्वना देने मौके पर देवसर विधायक सुभाष वर्मा पहुंचे थे। विधायक ने परिजनों पीड़ा सुनते हुए प्रशासन से जमीन दिलाए जाने की मांग किया है। वहीं रोते-बिलखते परिजनों को ढाढस बंधाने विधायक मौजूद रहे। परिजनों के दु:ख की घड़ी में देवसर विधायक पूरा दिन उनके साथ होकर पीडि़त परिवार के हक दिलाए जाने की मांग प्रशासन से किया है।
जमीन पर मेरा लडक़ा लंबे समय से काबिज था। उस जमीन में फसल की बुवाई कर दी गई थी। गांव के साहू परिवार से जमीन का विवाद चल रहा था। साहू परिवार के लोगों ने बोई गई फसल पर ट्रैक्टर चला दिया था और जबरन उस जमीन को काबिज कर रहे थे। इसकी शिकायत कलेक्टर जनसुनवाई में की गई थी, साथ ही पुलिस को भी शिकायत दिया था। सुनवाई नहीं होने पर आहत होकर लडक़े ने थाना परिसर में आग लगा लिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। इसके लिए पूरी तरह से जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं।
जगधारी प्रजापति, मृतक का पिता
जगधारी प्रजापति, मृतक का पिता