कंपनियों को नोटिस के जरिए जल्द से जल्द स्वच्छता संबंधित सभी मानक पूरा करने की अंतिम हिदायत दिए जाने की तैयारी की गई है। वैसे तो एक दिन पहले निरीक्षण के वक्त कलेक्टर ने कंपनियों को मौखिक रूप से हर मानक पूरा करने का निर्देश दिया है, लेकिन अब नगर निगम की ओर से लिखित निर्देश भी दिए जाने योजना बनाई गई है।
माना जा रहा है कि कंपनियों की ओर से अब कचरा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं की गई तो उन पर जिला प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि एनसीएल व एनटीपीसी सहित अन्य कंपनियों के आवासीय कालोनियों से निकलने वाले कचरे का उठाव तो किया जाता है, लेकिन कंपनियों के पास कचरे के प्रबंधन की निर्धारित व्यवस्था नहीं है।
नगर निगम की ओर से कचरा प्रबंधन के लिए तय की गई संस्था कंपनियों के आवासीय परिसर से निकलने वाले कचरे का प्रबंधन नहीं करती है। यह संस्था के अनुबंध में भी शामिल नहीं है। ऐसे में कंपनियों के कालोनियों से निकलने वाले कचरे को जैसे-तैसे यहां वहां ठिकाने लगा दिया जाता है।
पहले भी दी जा चुकी है हिदायत
कालोनियों से निकलने वाले कचरे का प्रबंधन कंपनियों को हर हाल में करना है। यह हिदायत कंपनियों को पूर्व में यहां कलेक्ट्रेट में स्वच्छता संबंधित बैठक के दौरान में दी गई थी। बैठक में उपस्थित कंपनियों के प्रतिनिधि ने आश्वासन भी दिया था कि वह जल्द से जल्द निर्धारित मानकों के अनुरूप कचरा प्रबंधन की व्यवस्था कर लेंगे, लेकिन कलेक्टर के एक दिन पहले किए गए निरीक्षण में सारी व्यवस्था नदारद मिली।
स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंक को करेंगे प्रभावित
कंपनियों की स्वच्छता में लापरवाही सर्वेक्षण में नगर निगम की रैंक को प्रभावित कर सकती है। कलेक्टर से लेकर निगम आयुक्त तक को यह भय सता रहा है। क्योंकि कंपनियों की अलग-अलग परियोजनाओं को मिलाकर एक बड़ी आबादी से निकलने वाले कचरे का प्रबंधन नहीं हो रहा है। कालोनियों को निकलने वाले कचरे में इधर-उधर फेंक दिया जा रहा है जो निर्धारित मानक के विरूद्ध है।
फैक्ट फाइल
15000 आवास कंपनियों की कालोनी में
90 हजार कालोनियों की आबादी
0.450 किलोग्राम कचरा औसतन प्रति व्यक्ति
40 टन औसतन कचरा प्रति दिन निकलता है