अंबेडकर चौक पर सैकड़ो की संख्या में गांव से महिला-पुरूष मजदूरों का झुंड चौराहे पर काम का इंतजार करते आसानी से देखने को मिल जाएंगे। घूनी गांव निवासी तेजप्रताप काम देने की मिन्नत करने लगे, जब उसे पता चला कि काम देने वाले नहीं हैं। तो तेजप्रताप काफी उदास हो गया। साहब, हमको काम दिलवा दो नहीं तो हमे रोटी नसीब नहीं होगी, घर से आने का मेरा किराया भी बेकार हो जाएगा।
परिवार का पेट पालने के लिए तेजप्रताप मजदूरी करने शहर आने लगी। तेजप्रताप ने बताया कि गांव में दो दिन का काम देने के बाद मजदूरी एक माह बाद देते हैं, इसलिए महीनों से शहर में काम करने आ रहे है, लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा। किराया भी डूब गया। चिलचिलाती धूप में ये हाल अकेले तेजप्रताप का नहीं, बल्कि सैकड़ों की संख्या में अंबेडकर चौक पर झुंड में खड़े मजदूरों का है, जो काम की तलाश में शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। भीषण गर्मी में वे काम के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
शोषित हो रहे मजदूर
औद्योगिक कंपनियों की ओर से मजदूरों को सुविधाए मुहैया नहीं कराई जा रही हैं। इस ओर प्रशासन भी ध्यान नहीं देता है। जिसकी वजह से मजदूरों का शोषण हो रहा है। अभी मौजूदा समय में मजदूरों की स्थिति यह है कि १५० से २०० रुपए प्रतिदिन पर काम करने के लिए मजबूर है। इतने कम रुपए में बच्चों की शिक्षा व दैनिक खर्च उठा पाना बेहद मुश्किल है।
औद्योगिक कंपनियों की ओर से मजदूरों को सुविधाए मुहैया नहीं कराई जा रही हैं। इस ओर प्रशासन भी ध्यान नहीं देता है। जिसकी वजह से मजदूरों का शोषण हो रहा है। अभी मौजूदा समय में मजदूरों की स्थिति यह है कि १५० से २०० रुपए प्रतिदिन पर काम करने के लिए मजबूर है। इतने कम रुपए में बच्चों की शिक्षा व दैनिक खर्च उठा पाना बेहद मुश्किल है।
कागजों में पांच लाख मजदूर पंजीकृत
जिले में छोटे बड़े उद्योग मिलाकर करीब आधा सैकड़ा हैं। बावजूद इसके जिले के मजदूर रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं। जिले के ज्यादातर मजदूर काम की तलाश में पड़ोसी राज्य यूपी सहित महाराष्ट्र, गुजरात जा रहे हैं। श्रमायुक्त कार्यालय में के आंकड़े में पांच लाख मजदूर कर्मकार कल्याण मंडल सहित आदि योजनाओं के तहत कागजों में पंजीकृत हैं।
जिले में छोटे बड़े उद्योग मिलाकर करीब आधा सैकड़ा हैं। बावजूद इसके जिले के मजदूर रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं। जिले के ज्यादातर मजदूर काम की तलाश में पड़ोसी राज्य यूपी सहित महाराष्ट्र, गुजरात जा रहे हैं। श्रमायुक्त कार्यालय में के आंकड़े में पांच लाख मजदूर कर्मकार कल्याण मंडल सहित आदि योजनाओं के तहत कागजों में पंजीकृत हैं।
विश्व मजदूर दिवस पर आयोजित होंगे कार्यक्रम
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस बुधवार एक मई को मनाया जाएगा। इस सिलसिले में बुधवार को कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जहां एकजुट होकर श्रमिक संगठन मजदूरों को हितों की आवाज उठाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस बुधवार एक मई को मनाया जाएगा। इस सिलसिले में बुधवार को कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जहां एकजुट होकर श्रमिक संगठन मजदूरों को हितों की आवाज उठाएंगे।
जॉब कार्डधारियों की संख्या ब्लाकवॉर:
ब्लाक संख्या
बैढऩ 36 हजार
देवसर 39 हजार
चितरंगी 55 हजार फैक्ट फाइल:-
कर्मकार में पंजीकृत – 80 हजार
संबल के तहत पंजीकृत – 3.80 लाख
औद्योगिक कंपनियों में पंजीकृत – 45 हजार
जॉब कार्डधारियों की संख्या – 1.30 लाख
ब्लाक संख्या
बैढऩ 36 हजार
देवसर 39 हजार
चितरंगी 55 हजार फैक्ट फाइल:-
कर्मकार में पंजीकृत – 80 हजार
संबल के तहत पंजीकृत – 3.80 लाख
औद्योगिक कंपनियों में पंजीकृत – 45 हजार
जॉब कार्डधारियों की संख्या – 1.30 लाख