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ऊर्जाधानी दिखा रही पलायन का रास्ता, श्रम शक्ति को नहीं मिल रहा काम

locationसिंगरौलीPublished: May 01, 2019 12:34:46 pm

Submitted by:

Amit Pandey

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष

International Labor Day: No Work in Singrauli for unemployees

International Labor Day: No Work in Singrauli for unemployees

सिंगरौली. बड़ी-बड़ी कंपनियों के बावजूद ऊर्जाधानी में मजदूरों को उसके हिस्से का पूरा काम नहीं मिल पा रहा है। नतीजा श्रमिकों को बाहर का रास्ता पकडऩा पड़ रहा है। एक तरफ यह हालत है तो दूसरी तरफ काम की तलाश में सुबह-सबेरे चलकर काम की तलाश मेें बैढऩ के अंबेडकर चौक आने वाले लोगों को कार्य स्थल पर जरूरी सुविधा तक के लिए तरसना पड़ रहा है। हालत यह है कि श्रमिकों का जीवन स्तर सुधारने के दावे तो बहुत हो रहे हैं, लेकिन नतीजा सिफर है। इसी माहौल में बुधवार को एक बार फिर श्रमिक दिवस मनाया जा रहा है। जबकि मजदूरों को उचित काम और उचित मजदूरी का सवाल अब भी अनसुलझा है।
अंबेडकर चौक पर सैकड़ो की संख्या में गांव से महिला-पुरूष मजदूरों का झुंड चौराहे पर काम का इंतजार करते आसानी से देखने को मिल जाएंगे। घूनी गांव निवासी तेजप्रताप काम देने की मिन्नत करने लगे, जब उसे पता चला कि काम देने वाले नहीं हैं। तो तेजप्रताप काफी उदास हो गया। साहब, हमको काम दिलवा दो नहीं तो हमे रोटी नसीब नहीं होगी, घर से आने का मेरा किराया भी बेकार हो जाएगा।
परिवार का पेट पालने के लिए तेजप्रताप मजदूरी करने शहर आने लगी। तेजप्रताप ने बताया कि गांव में दो दिन का काम देने के बाद मजदूरी एक माह बाद देते हैं, इसलिए महीनों से शहर में काम करने आ रहे है, लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा। किराया भी डूब गया। चिलचिलाती धूप में ये हाल अकेले तेजप्रताप का नहीं, बल्कि सैकड़ों की संख्या में अंबेडकर चौक पर झुंड में खड़े मजदूरों का है, जो काम की तलाश में शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। भीषण गर्मी में वे काम के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
शोषित हो रहे मजदूर
औद्योगिक कंपनियों की ओर से मजदूरों को सुविधाए मुहैया नहीं कराई जा रही हैं। इस ओर प्रशासन भी ध्यान नहीं देता है। जिसकी वजह से मजदूरों का शोषण हो रहा है। अभी मौजूदा समय में मजदूरों की स्थिति यह है कि १५० से २०० रुपए प्रतिदिन पर काम करने के लिए मजबूर है। इतने कम रुपए में बच्चों की शिक्षा व दैनिक खर्च उठा पाना बेहद मुश्किल है।
कागजों में पांच लाख मजदूर पंजीकृत
जिले में छोटे बड़े उद्योग मिलाकर करीब आधा सैकड़ा हैं। बावजूद इसके जिले के मजदूर रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं। जिले के ज्यादातर मजदूर काम की तलाश में पड़ोसी राज्य यूपी सहित महाराष्ट्र, गुजरात जा रहे हैं। श्रमायुक्त कार्यालय में के आंकड़े में पांच लाख मजदूर कर्मकार कल्याण मंडल सहित आदि योजनाओं के तहत कागजों में पंजीकृत हैं।
विश्व मजदूर दिवस पर आयोजित होंगे कार्यक्रम
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस बुधवार एक मई को मनाया जाएगा। इस सिलसिले में बुधवार को कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जहां एकजुट होकर श्रमिक संगठन मजदूरों को हितों की आवाज उठाएंगे।
जॉब कार्डधारियों की संख्या ब्लाकवॉर:
ब्लाक संख्या
बैढऩ 36 हजार
देवसर 39 हजार
चितरंगी 55 हजार

फैक्ट फाइल:-
कर्मकार में पंजीकृत – 80 हजार
संबल के तहत पंजीकृत – 3.80 लाख
औद्योगिक कंपनियों में पंजीकृत – 45 हजार
जॉब कार्डधारियों की संख्या – 1.30 लाख
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